सीआइएसएफ की भर्ती में छूट का लाभ लेने के लिए उत्तर प्रदेश और राजस्थान के दो युवकों ने एससी/एसटी के फर्जी प्रमाण पत्र बना डाले। जबकि दोनों जाति से ब्राह्मण व राजपूत थे। दस्तावेजों की जांच में फर्जीवाड़ा पकड़ में आने के बाद सीआइएसएफ अधिकारियों ने उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराते हुए पुलिस के हवाले कर दिया।
पुलिस के मुताबिक, सीआइएसएफ में इन दिनों कांस्टेबल की भर्ती चल रही है। भर्ती देने के लिए उत्तराखंड समेत कई राज्यों से नौजवान भेल की सीआइएसएफ यूनिट पहुंच रहे हैं। सोमवार को दो अभ्यर्थियों को फर्जी जाति प्रमाण के साथ सीआइएसएफ की टीम ने पकड़ लिया।
इस मामले में सीआइएसएफ के असिस्टेंट कमांडेंट और रिक्रूटमेंट बोर्ड के सदस्य परमजीत सिंह और सीआइएसएफ के इंस्पेक्टर लखबीर असवाल ने तहरीर दी।
उसमें उन्होंने बताया कि धीरज कुमार निवासी सतुपुरा इरादनगर थाना इरादनगर जिला आगरा उत्तर प्रदेश और सत्येंद्र कुमार निवासी अंडेला रोड धौलपुर थाना सदर जिला धौलपुर राजस्थान ने भर्ती परीक्षा में आयु सीमा और लंबाई में छूट पाने के लिए खुद को अनुसूचित जनजाति श्रेणी का अभ्यर्थी बताया।
दोनों अभ्यर्थियों के जाति प्रमाण पत्र चेक किए गए तो फर्जी पाए गए। पूछताछ करने पर धीरज कुमार ने अपनी जाति ब्राह्मण (तिवारी) और सत्येंद्र ने अपनी जाति राजपूत (जादौन) बताई।
दोनों ने बताया कि उनकी आयु अधिक होने के कारण आयु सीमा में छूट लेने के लिए उन दोनों ने अपने-अपने जाति प्रमाण पत्र फर्जी तरीके से अनुसूचित जनजाति के बनाए हैं। रानीपुर कोतवाली प्रभारी अमर चंद शर्मा ने बताया कि दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है, चालान कर उन्हें कोर्ट में पेश किया जा रहा है।
गोकशी मामले में फरार चल रहे बीफ तस्कर को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार दस दिसंबर को उत्तराखंड गोवंश संरक्षण स्क्वायड गढ़वाल और पुलिस टीम ने ग्राम मुस्तफाबाद के पास ट्यूबवेल के पास शौकीन निवासी मुस्तफाबाद को गोमांस व उपकरण के साथ गिरफ्तार किया था। उस समय उसके साथी शहजाद, वाजिद, नसीम और सलमान मौके से फरार हो गए थे। रविवार देर सायं को पुलिस ने वाजिद के घर पर दबिश देकर आरोपित को गिरफ्तार कर लिया। थानाध्यक्ष नितेश शर्मा ने बताया कि फरार बीफ तस्करों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।