देहरादून से प्रयागराज शनिवार शाम को पहुंची थीं
परिवहन निगम की वोल्वो बस (यूके07-पीए-4395) शनिवार शाम पांच बजे देहरादून से प्रयागराज के लिए गई। वहां रविवार सुबह 10 बजे बस बेला कछार बस अड्डे पहुंची। वहां से बस को शाम पांच बजे देहरादून के लिए वापस चलना था। बस की सभी 44 सीटें ऑनलाइन बुक थी। इनमें 40 यात्री तो समय पर पहुंच गए, लेकिन चार यात्री नहीं पहुंचे।
परिचालक हेमराज ने चार युवतियों की लिस्ट देखी तो किया कॉल
परिचालक हेमराज ने जब बुकिंग चार्ट चेक किया तो यह चारों यात्री युवतियां थीं। परिचालक ने आधा घन्टे इंतजार किया और उसके बाद अपने स्टेशन प्रभारी अजित कुमार को फोन कर सूचित किया। इस दौरान बस ना चलाने के कारण यात्री भी हंगामा करने लगे। परिचालक ने बुकिंग चार्ट में दर्ज मोबाइल नम्बर पर सम्पर्क किया तो युवती ने बताया कि वह बाइक से पहुंचने वाले हैं, लेकिन एक घंटे तक भी वह नहीं पहुंची। जब परिचालक ने दोबारा संपर्क किया तो युवती ने बताया कि बाइक वाला रैपिडो चालक उन्हें किसी संदिग्ध स्थान पर ले जा रहा है और बाइक नहीं रोक रहा।
युवतियों की आवाज सुनकर पुलिस को किया कॉल
घबराई हुई युवती की आवाज सुनकर परिचालक हेमराज व चालक कपिल यादव ने तत्काल पुलिस को सूचित किया। करीब एक घंटे की खोजबीन के बाद पुलिस ने चारों युवतियों को सकुशल बचा लिया और बस तक पहुंचाया। पुलिस ने दोनों बाइक सवारों को भी पकड़ लिया। इस दौरान बस यात्रियों ने आरोपित युवकों की धुनाई भी कर डाली।
परिवहन निगम के स्टेशन अधीक्षक अजित कुमार ने बताया कि बस चालक व परिचालक की सूझबूझ के कारण चार युवतियों को सुरक्षित बचाया गया है, वरना कोई भी अनहोनी हो सकती थी। दोनों कर्मचारियों को इसके लिए सम्मानित किया जाएगा।
यात्रियों के हंगामे को किया दरकिनार
निर्धारित समय पर बस ना चलाने को लेकर कुछ यात्रियों ने हंगामा शुरू कर दिया, लेकिन स्टेशन अधीक्षक को जब परिचालक से फोन पर पता चला कि समय चारों युवतियां हैं तो उन्होंने परिचालक को इंतजार करने को कहा। करीब एक घंटे यात्री हंगामा करते रहे, लेकिन चालक-परिचालक उन्हें किसी तरह समझाते रहे। जब यात्रियों को घटना का पता चला तो वह शांत हुए व युवतियों की सलामती के प्रयास में जुट गए। स्टेशन अधीक्षक ने बताया कि घटना के कारण बस करीब पौने चार घन्टे विलम्ब से रात पौने नौ बजे देहरादून के लिए रवाना हुई।