काबिलेतारीफ सख्ती: शारीरिक व मानसिक अस्वस्थ शिक्षकों, कर्मियों को दी जायेगी अनिवार्य सेवानिवृत्ति

देहरादून। शिक्षा महानिदेशक ने विभाग ने शारीरिक व मानसिक रूप से अस्वस्थ शिक्षकों-कर्मचारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्त का फरमान सुनाया है। तीन दिन के अंदर ऐसे अनिवार्य सेवानिवृति वाले शिक्षक व कर्मियों का चयन किया जाए।

 

विद्यालयी शिक्षा की महानिदेशक झरना कमठान ने विभागीय अधिकारियों को भेजे पत्र में शारीरिक व मानसिक रूप से अस्वस्थ शिक्षकों-कर्मचारियों के चिह्नीकरण के निर्देश दिए हसीन। यह पत्र 26 सितम्बर को जारी किया गया है।

 

पत्र में कहा गया है कि चिह्नीकरण नहीं होने से विभागीय मंत्री काफी नाराज हैं। और शारीरिक व मानसिक रूप से अस्वस्थ शिक्षकों-कर्मचारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्त न किये जाने के कारण जहां एक ओर सम्बन्धित विद्यालयों में अध्यापन कार्य एवं कार्यालयों में शासकीय कार्य प्रभावित हो रहा है, वहीं दूसरी ओर ऐसे शिक्षकों कार्मिकों द्वारा अपने ऐसे शिक्षकों कार्मिकों द्वारा अपने स्थानान्तरण / सम्बद्धीकरण के लिए विभाग पर अनुचित दबाव बनाया जा रहा है।

डीजी के पत्र के बाद राज्य सरकार के सबसे बड़े विभाग में हलचल पैदा हो गई है।
देखें, शिक्षा महानिदेशक का ताजा पत्र

विषय- दिनांक 26 सितम्बर, 2024 शारीरिक एवं मानसिक रूप से अस्वस्थ शिक्षक-कर्मचारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति हेतु चिन्हित किये जाने सम्बन्धी।

महोदय,

उपर्युक्त विषयक शारीरिक एवं मानसिक रूप से अस्वस्थ शिक्षकों-कार्मिकों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति के सम्बन्ध में समय-समय पर शासन / विभाग द्वारा दिशा-निर्देश निर्गत किये गये हैं, किन्तु अद्यतन आपके स्तर से उक्त शिक्षकों का चिन्हीकरण नहीं करवाया गया है, जबकि वित्त हस्त पुस्तिका खण्ड 2 भाग 2 से 4 के मूल नियम 56 के प्रावधानों के अधीन शासनादेश संख्या 131/कार्मिक-(2)/ 2002 दिनांक 20 फरवरी, 2002 (संलग्न) में सरकारी सेवक अनिवार्य सेवानिवृत्ति की स्पष्ट व्यवस्था है। साथ ही शासनादेश संख्या 611/कार्मिक-2/2003 दिनांक 30 जून, 2003 (संलग्न) तथा शासनादेश संख्या 218/xxx(2)/ 19-55(2)/2001 दिनांक 24 जुलाई, 2019 (संलग्न) द्वारा भी राज्य कर्मचारियों के अनिवार्य सेवानिवृत्ति के सम्बन्ध में स्पष्ट निर्देश निर्गत किये गये हैं।

 

उक्त प्रावधानों के अन्तर्गत समय पर शारीरिक व मानसिक रूप से अस्वस्थ शिक्षकों-कर्मचारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्त न किये जाने के कारण जहां एक ओर सम्बन्धित विद्यालयों में अध्यापन कार्य एवं कार्यालयों में शासकीय कार्य प्रभावित हो रहा है, वहीं दूसरी ओर ऐसे शिक्षकों कार्मिकों द्वारा अपने स्थानान्तरण / सम्बद्धीकरण हेतु विभाग पर अनुचित दबाव बनाया जा रहा है। मा० मंत्री जी द्वारा दिनांक 24 सितम्बर, 2024 को विभागीय समीक्षा बैठक में उक्त पर कार्यवाही न होने पर गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुये तत्काल अनिवार्य सेवानिवृत्ति हेतु शिक्षकों-कार्मिकों का चयन कर कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये हैं।

 

अतः पुनः निर्देशित किया जाता है कि उक्त प्रावधानानुसार अनिवार्य सेवानिवृत्ति हेतु शिक्षक-कर्मचारियों का चयन कर तीन दिन के अन्दर प्रत्येक जनपद से आख्या उपलब्ध करायें। यदि किसी जनपद में अनिवार्य सेवा निवृत्ति के प्रकरणों की संख्या शून्य हो तो इस आशय का एक प्रमाण पत्र भी तत्काल प्रस्तुत करेंगे। इस हेतु कोई लापरवाही एवं विलम्ब क्षम्य नहीं है। संलग्न-यथोपरि

भवदीया

(झरना कमठान) महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा उत्तराखण्ड

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