नवरात्र तक हो सकता है धामी मंत्रिमंडल विस्तार, प्रदेश अध्यक्ष के नाम पर भी जल्द एलान

मंत्रिमंडल विस्तार व फेरबदल को लेकर सबकी निगाहें दिल्ली पर टिकी हैं, लेकिन संकेत हैं कि यह कुछ दिन के लिए टल सकता है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की भेंट न हो पाने कारण समझा जा रहा है कि मंत्रिमंडल विस्तार व फेरबदल एक सप्ताह बाद ही होगा। इससे पहले भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष के नाम पर मोहर लगने की संभावना है। 

कैबिनेट मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल के इस्तीफे के बाद से ही धामी मंत्रिमंडल के विस्तार और फेरबदल की चर्चा आरंभ हो गई थी। इसका कारण यह रहा कि अब मंत्रिमंडल में पांच स्थान रिक्त हो गए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के अलावा छह मंत्री ही उनकी टीम में हैं। इससे कामकाज में व्यवहारिक दिक्कतें पेश आने की संभावना है। 

35 विभाग संभाल रहे सीएम धामी

अप्रैल 2023 में कैबिनेट मंत्री चंदन राम दास के निधन के बाद से उनके विभागों का दायित्व मुख्यमंत्री के ही पास है। अब अग्रवाल के इस्तीफे से उनके विभाग भी मुख्यमंत्री के अधीन हैं। वर्तमान में मुख्यमंत्री कुल मिलाकर 35 विभाग संभाल रहे हैं।

इस बीच मंगलवार को मुख्यमंत्री धामी भी दिल्ली पहुंच गए तो विस्तार व फेरबदल की चर्चाओं को बल मिला। यद्यपि, मुख्यमंत्री एक वैवाहिक कार्यक्रम में सम्मिलित होने के लिए दिल्ली गए, लेकिन उनका केंद्रीय नेताओं से भेंट का भी कार्यक्रम था। 

बीएल संतोष से नहीं हो सकी सीएम धामी की मुलाकात

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष के दिल्ली में न होने के कारण मुख्यमंत्री की उनसे भेंट नहीं हो पाई। समझा जा रहा है कि मंत्रिमंडल विस्तार से पहले मुख्यमंत्री इन दोनों नेताओं से अंतिम दौर का विमर्श करना चाहते हैं।

 

मंत्री पद के दावेदारों ने भी इन दिनों दिल्ली में अपने संपर्कों को टटोलना शुरू कर दिया है। बताया जा रहा है कि एक दर्जन से अधिक भाजपा विधायक दिल्ली का दौरा कर चुके हैं और इनमें से कुछ अभी भी वहीं टिके हैं। मुख्यमंत्री अब गुरुवार तक देहरादून लौट आएंगे। संभावना है कि समय मिलने पर वह केंद्रीय नेताओं से भेंट करने फिर दिल्ली जाएंगे।

 

भाजपा सूत्रों के अनुसार अब नवरात्र पर ही मंत्रिमंडल विस्तार व फेरबदल की संभावना अधिक है। सूत्रों का कहना है कि 26 मार्च के बाद कभी भी प्रदेश अध्यक्ष के नाम की घोषणा की जा सकती है।

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