उत्तर प्रदेश की राजनीति में बड़ा घटनाक्रम सामने आया है। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आज़म ख़ान और उनके बेटे अब्दुल्ला आज़म को दो PAN कार्ड रखने के मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट ने सात साल की सज़ा सुनाई है। अदालत ने माना कि दोनों ने अलग-अलग सूचनाओं के साथ दो PAN कार्ड बनवाए और उनका उपयोग किया, जो कानून के खिलाफ है।
यह पूरा मामला 2019 में शुरू हुआ, जब बीजेपी नेता आकाश सक्सेना ने आज़म ख़ान और उनके बेटे के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में कहा गया था कि दोनों के पास दो-दो PAN कार्ड हैं, जिनमें जन्मतिथि और विवरण अलग-अलग हैं। जांच के बाद अदालत ने इन आरोपों को सही पाया और दोनों को दोषी ठहराया।
आज़म ख़ान को हाल ही में, 23 सितंबर 2025 को कई आपराधिक मामलों में ज़मानत मिलने के बाद जेल से रिहा किया गया था। लेकिन नए फैसले ने उनकी मुश्किलें फिर बढ़ा दी हैं। अब 17 नवंबर को उन्हें दोबारा जेल जाना पड़ेगा। यह सज़ा उनके बेटे अब्दुल्ला आज़म पर भी लागू होगी, जिन्हें इस मामले में समान अवधि की सज़ा सुनाई गई है।
एक दौर में सपा सरकार में ताक़तवर माने जाने वाले आज़म ख़ान की राजनीतिक स्थिति पिछले कुछ वर्षों में लगातार कमजोर होती गई है। योगी सरकार आने के बाद उनके खिलाफ मामलों की संख्या बढ़ी और वे कई बार जेल जा चुके हैं। ताज़ा फैसला उनके राजनीतिक भविष्य के लिए एक और बड़ा झटका माना जा रहा है।
कोर्ट के इस फैसले के बाद यूपी की राजनीति में हलचल बढ़ गई है। विपक्ष और सत्ता पक्ष दोनों ही इस मुद्दे को अपने-अपने तरीके से उठा रहे हैं। कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि यह केस आगे ऊपरी अदालतों में भी जा सकता है, लेकिन फिलहाल दोनों नेताओं के लिए चुनौतियाँ और बढ़ गई हैं।
यह फैसला आने वाले दिनों में राज्य की राजनीतिक माहौल को और गर्म कर सकता है।

