जिला सहकारी बैंकों (डीसीबी) में चतुर्थ श्रेणी (गार्ड) के पदों पर भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी की निष्पक्ष जांच के मद्देनजर तीन जिलों देहरादून, पिथौरागढ़ व नैनीताल के सहायक निबंधक (एआर) और डीबीसी के महाप्रबंधक हटाए जाएंगे। सहकारिता मंत्री डा धन सिंह रावत ने इस सिलसिले में विभागीय सचिव को निर्देश दिए हैं। सचिव सहकारिता आर मीनाक्षी सुंदरम के अनुसार इस सिलसिले में बुधवार को आदेश जारी होंगे।राज्य के सभी जिला सहकारी बैंकों में चतुर्थ श्रेणी के 400 पदों पर भर्ती के लिए गत वर्ष प्रक्रिया शुरू की गई थी। तब हरिद्वार जिले के कुछ विधायकों ने भर्ती में गड़बड़ी का अंदेशा जताया। इस पर वहां भर्ती रोक दी गई थी, जबकि अन्य जिलों में यह जारी थी। चार जिलों देहरादून, नैनीताल पिथौरागढ़ व अल्मोड़ा में प्रक्रिया पूरी होने के बाद अभ्यर्थियों को कार्यभार ग्रहण कराने की तैयारी थी।
इस साल जनवरी में कुछ मंत्री, विधायकों ने मुख्यमंत्री से शिकायत की कि भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताएं बरती जा रही हैं। कहीं मनमाने ढंग से चहेतों को फिट किया जा रहा है तो कहीं वर्षों से आउटसोर्स पर कार्य करने वालों की अनदेखी की गई है। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्य सचिव को कार्रवाई के लिए निर्देशित किया, लेकिन तब तक विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लग गई।नई सरकार का गठन होने के बाद हाल में मुख्य सचिव ने सचिव सहकारिता को कार्रवाई के निर्देश दिए। 28 मार्च को सचिव सहकारिता आर मीनाक्षी सुंदरम ने सभी डीसीबी में चतुर्थ श्रेणी पदों की भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाने के आदेश दिए। बाद में सचिव सहकारिता ने तीन जिलों देहरादून, नैनीताल व पिथौरागढ़ में भर्ती की जांच के लिए दो सदस्यीय कमेटी गठित की। बताया गया कि इन जिलों के साथ ही अल्मोड़ा में भी अनियमितता की शिकायत मिली थी। अल्मोड़ा का मामला पहले ही अदालत में विचाराधीन होने के कारण उसे जांच के दायरे में नहीं लिया गया।
जांच कमेटी को 15 दिन के भीतर रिपोर्ट देने को कहा गया। कमेटी इन दिनों जांच में जुटी है। जिन जिलों में जांच चल रही है, वहां डीसीबी के अधिकारियों के सहयोग न करने की बात भी सामने आ रही है। इस सबको सरकार ने गंभीरता से लिया है। इसी क्रम में सहकारिता मंत्री डा धन सिंह रावत ने निष्पक्ष जांच के मद्देनजर देहरादून, नैनीताल व पिथौरागढ़ के एआर और वहां के डीसीबी के महाप्रबंधकों को तत्काल हटाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि भर्ती प्रक्रिया की निष्पक्ष जांच कराकर दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।