हरिवंश: पत्रकारिता का लोकधर्म’ पुस्तक का लोकार्पण

भोपाल, 31 अगस्त 2024। राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश ने कहा है कि 300-400 वर्षों में विचार ने इतिहास को बदला, लेकिन नब्बे के दशक के बाद ‘तकनीक’ ने दुनिया को बदला। हरिवंश आज सप्रे संग्रहालय में अपने ऊपर प्रकाशित पुस्तक ‘हरिवंशः पत्रकारिता का लोकधर्म’ के लोकार्पण व चर्चा कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। पुस्तक को प्रलेक प्रकाशन ने छापा है। लोकार्पण समारोह में पुस्तक के प्रकाशक जितेंद्र पात्रो भी उपस्थित थे।समारोह को संबोधित करते हुए हरिवंश ने कहा कि मुख्यधारा की पत्रकारिता आदर्शों से दूर चली गई। समारोह को संबोधित करते हुए ‘नवनीत’ के संपादक विश्वनाथ सचदेव ने कहा कि हरिवंश की पत्रकारिता ही लोकधर्म की पत्रकारिता है। पत्रकारिता का धर्म ही है ‘लोक’ की चिंता। आजादी के दौर में पत्रकारिता विशेष कर हिंदी पत्रकारिता ने समाज को एक दिशा दी, किंतु धीरे-धीरे वह अपने उद्येश्यों से भटक गई। जबसे दृश्य माध्यम आया है, पत्रकारिता के स्वरूप में बदलाव आया है। विश्वनाथ सचदेव ने कहा कि हरिवंश जैसे व्यक्ति पत्रकारिता छोडक़र राजनीति में चले गए यह राजनीति के लिए बड़ी उपलब्धि हो सकती है, किंतु पत्रकारिता की बड़ी क्षति है।

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