फर्राटा भरने की हसरत पाले बैठे हैं लोग
गणेशपुर से डाटकाली के बीच की एलिवेटेड रोड का निर्माण अक्टूबर माह के अंत तक पूरा किया जा चुका था। तभी से लोग इस पर फर्राटा भरने की हसरत पाले बैठे हैं। पहले माना जा रहा था कि दिसंबर माह में इसे खोल दिया जाएगा।
फिलहाल, बताया जा रहा है एलिवेटेड रोड को मार्च माह में वाहनों के लिए खोला जाएगा। लेकिन, धरातल पर इसके आसार बेहद कम हैं। क्योंकि, फिलहाल भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) देहरादून का परियोजना निदेशक कार्यालय डाटकाली क्षेत्र में क्रास फ्लाईओवर बनाने में जुटा है। इसका काम पूरा हो जाने के बाद ही अब एलिवेटेड रोड को खोलने की तैयारी है। मार्च से अप्रैल माह के बीच इसका निर्माण पूरा होने की उम्मीद है।
डाटकाली के लिए मुड़ने पर दुर्घटना की आशंका होगी दूर
एक्सप्रेस-वे की एलिवेटेड रोड डाटकाली मंदिर के पास के चौक तक बनी है। इसके बाद डाटकाली मंदिर से आगे बढ़ने के लिए टनल का पहले से निर्माण किया जा चुका है। वहीं, टनल पार करते ही आशारोड़ी तक एक फ्लाईओवर भी बनकर तैयार है। इस क्षेत्र में सबसे अधिक चुनौती इस बात की खड़ी हो रही थी कि एलिवेटेड रोड के खुलने के बाद दोनों तरफ के वाहन तेजी से गुजरेंगे।
वहीं, बड़ी संख्या में लोग डाटकाली मंदिर के दर्शन के लिए पहुंचते हैं। अभी उन्हें सड़क पार करनी पड़ती है। जिससे भविष्य में दुर्घटना की आशंका बढ़ जाएगी। इसी बात के मद्देनजर एलिवेटेड रोड पर से ही सहारनपुर की तरफ से आने वाली लेन से इंद्रधनुष के आकार का फ्लाईओवर शुरू होगा। जो सीधे बिना एक्सप्रेस-वे के ट्रैफिक को बाधा पहुंचाए मंदिर से जोड़ेगा।
800 लाइटें लगाने का काम भी तेजी से पूरा हो रहा
जिन लाइटों को एलिवेटेड रोड पर लगाया जा रहा है, उनकी अनुमति भारतीय वन्यजीव संस्थान (डब्ल्यूआइआइ) की संस्तुति पर प्राप्त की गई है। डब्ल्यूआइआइ के वरिष्ठ विज्ञानी डा बिलाल हबीब के अनुसार, वन्यजीव कारीडोर में उन लाइटों से परेशानी होती है, जिनका प्रकाश धरातल पर फैलता है।
लिहाजा, एलिवेटेड रोड पर लाइटों को लगाने के काम पर आगे बढ़ने से पहले डब्ल्यूआइआइ से अनुमति मांगी गई थी। विभिन्न कंपनियों की लाइट का ट्रायल कराया गया।
एक कंपनी ने लाइट के लेंस को इस तरह से डिजाइन किया था, जिसका प्रकाश सतह पर फैलता नहीं है। चूंकि, एलिवेटेड रोड वन क्षेत्र से ऊंचाई पर है और उसके नीचे से वन्यजीवों के गलियारे (कारीडोर) खुले हैं। ऐसे में पाया गया कि विशिष्ट लाइट का प्रकाश वन क्षेत्र में नहीं फैल रहा है। लिहाजा, इन लाइटों को अब एलिवेटेड रोड पर लगाया जा रहा है। माहभर में यह काम पूरा कर दिया जाएगा।
23 किमी कम हुई दिल्ली की दूरी, ढाई घंटे में पूरा होगा सफर
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे परियोजना का अंतिम हिस्सा एलिवेटेड रोड, इससे लगी डाटकाली टनल और आरटीओ चेकपोस्ट तक बना फ्लाईओवर है। यह तीनों कार्य पूरे किए जा चुके हैं। वर्तमान में दिल्ली से देहरादून के बीच की दूरी 236 किलोमीटर है, जो परियोजना के सभी पैकेज पूर्ण होने के बाद घटकर 213 किलोमीटर रह जाएगी। यानी, दूरी 23 किलोमीटर कम हो जाएगी और यह सफर 2.5 में पूरा किया जा सकेगा।
एलिवेटेड रोड पर कैमरे मापेंगे स्पीड, आनलाइन कटेगा चालान
एलिवेटेड रोड पर रफ्तार के शौकीनों को नियंत्रण में रखने के लिए एडवांस्ड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (एटीएमएस) की व्यवस्था की जाएगी। इसके माध्यम से कैमरे स्पीड पर निगाह रखेंगे और तय मानक से अधिक रफ्तार पाए जाने पर आनलाइन चालान कटेगा।
एलिवेटेड रोड परियोजना पर एक नजर
- कुल लंबाई – 12 किमी
- कुल बजट – 1500 करोड़ रुपये
- कुल पिलर – 575
11 हजार 970 करोड़ की है पूरी परियोजना
एनएचएआइ अधिकारियों के मुताबिक, दिल्ली-दून एक्सप्रेस-वे का निर्माण 213 किलोमीटर पर कुल 11 पैकेज में गतिमान है। यह कार्य प्राधिकरण के अलग-अलग परियोजना कार्यालय देख रहे हैं। परियोजना की कुल लागत 11 हजार 970 करोड़ रुपये है।
एक्सप्रेस-वे परियोजना के यह भी खास बिंदु
- 05 रेलवे ओवर ब्रिज
- 110 वाहन अंडरपास
- 76 किमी सर्विस रोड
- 29 किमी की एलिवेटेड रोड
- 16 एग्जिट और एंट्री प्वाइंट