दूरस्थ क्षेत्र की चिकित्सा इकाईयों में मिली अधिकतर को तैनाती

देहरादून। चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अंतर्गत 220 नये चिकित्सकों को प्रथम तैनाती दे दी गई है। इन सभी चिकित्सकों को विशेष रूप से प्रदेश के पर्वतीय एवं दूरस्थ क्षेत्रों की चिकित्सा इकाईयों में तैनात किया गया है, ताकि सुदूरवर्ती क्षेत्रों की स्वास्थ्य सेवाओं को जनसुलभ के साथ ही अधिक सुदृढ़ बनाया जा सके।राज्य के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि राज्य सरकार प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को लगातार मजबूत कर रही है ताकि आम जन को अपने नजदीकी क्षेत्र में ही गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधा मिल सके। इसी कड़ी में स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत हाल ही में चयनित 220 चिकित्सकों को प्रथम तैनाती दे दी गई है। दिव्यांग अभ्यर्थियों को छोड़कर अन्य सभी चिकित्सकों को ऐसे सुदूरवर्ती चिकित्सा इकाईयों में तैनाती दी गई है जहां पर लम्बे समय से पद रिक्त चल रहे थे।

इनमें प्रमुख रूप से जनपद चमोली के दूरस्थ चिकित्सा इकाईयों देवाल, ग्वालदम, थराली, गैरसैण, मेहलचौरी, जोशीमठ, माईथान, उत्तरकाशी में हर्षिल, गंगोत्री, टिकोची, डुंडा, मोरी, बलडोगी, दिवली, चिनियालीसैड, भटवाड़ी, जानकीचट्टी, मानपुर, रैथल, बड़कोट, टिहरी लम्बगांव, नंदगांव, सत्यों, थत्यूड़, हिण्डोलाखाल, रूद्रप्रयाग में मनसूना, जखोली, ग्वाड़, फाटा, भीरी, गुप्तकाशी, पौड़ी में अदालीखाल, बीरोंखाल, बूंगीधार, रिखणीखाल, कलालघाटी, चैलूसैण, पाबौं, तिरपालीसैण, सैंजी, पौखाल, बैजरों, घण्डियाल, थानमासौं के साथ ही अन्य दूरस्थ केन्द्रों में भी तैनाती दी गई है।

इसी प्रकार जनपद पिथौरागढ़ में थल, धारचूला, बड़ालू, जाखपुराण, गणाई, मुनस्यारी, बेरीनाग, डीडीहाट, तेजम, मुवानी तथा जनपद चम्पावत में सिपटी, भौन, बाराकोट उप जिला चिकित्सालय एवं जिला चिकित्सालय चम्पावत, जबकि बागेश्वर में कपकोट, बैजनाथ, फरसाली, रवाईंखाल, बदियाकोट, उप जिला चिकित्सालय बागेश्वर में तैनाती दी गई है। इसी प्रकार अल्मोड़ा में काकड़ीघाट, लमगड़ा, देघाट, हवालबाग, भिकियासैण, दनिया, नैल, चौखुटिया, भैसियाछाना, भतरौंजखान, जैंती, द्वाराहाट, ताड़ीखेत, नैनीताल में गेठिया, पदमपुरी, बेतालघाट, ज्योलीकोट, गरमपानी, धारी, मालधनचौड़, पहाड़पानी, मुक्तेश्वर सहित प्रदेश के विभिन्न चिकित्सा इकाईयों में वर्षों से रिक्त पदों के सापेक्ष तैनाती दी गई है। इन चिकित्सकों की तैनाती से जहां सुदूरवर्ती इलाकों में स्वास्थ्य व्यवस्थाएं और अधिक सुदृढ़ होगी वहीं स्थानीय स्तर पर लोगों को बेहतर उपचार मिल सकेगा। जिससे सरकार का अंतिम गांव तक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने का संकल्प भी सिद्ध होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *