IPS केवल खुराना का निधन: पढ़ने और पढ़ाने के शौकीन आईपीएस
ने तैयार किए कई अधिकारी, राजकीय सम्मान के साथ अंत्येष्टि

वरिष्ठ आइपीएस अधिकारी केवल खुराना को न सिर्फ पढ़ने, बल्कि पढ़ाने का भी जुनून था। उनकी तैनाती जहां भी रही, उन्होंने कोचिंग क्लास जारी रखी। खाली समय में वह बच्चों को सिविल सर्विसेज की तैयारी करवाते थे। 

मूलरूप से उत्तर प्रदेश के बदायूं निवासी केवल खुराना व्यवसायी परिवार से थे। 20 से 25 वर्ष पहले तक उनके गांव में कोई आइपीएस अधिकारी नहीं था। तब उन्होंने सिविल सेवा में जाने का निर्णय लिया और परीक्षा की तैयारी के लिए वर्ष 2002 में दिल्ली चले गए। वर्ष 2004 में उनका चयन आइपीएस के लिए हो गया। 

बच्चों के लिए शुरू की कोचिंग क्लास

होमगार्ड जवानों को आइपीएस बनाने का उठाया था बीड़ा आइपीएस अधिकारी केवल खुराना जब कमांडेंट होमगार्ड थे तो उन्होंने होमगार्ड जवान व उनके बच्चों को आइपीएस अधिकारी बनाने का बीड़ा उठाया था। उन्होंने होमगार्ड मुख्यालय के अंदर ही कोचिंग क्लास शुरू की थी, जहां उनके पास 210 जवान व उनके बच्चे कोचिंग लेने आते थे।

वरिष्ठ आइपीएस केवल खुराना की राजकीय सम्मान के साथ अंत्येष्टि

उत्तराखंड कैडर के 2004 बैच के वरिष्ठ आइपीएस अधिकारी केवल खुराना का रविवार देर रात निधन हो गया। वर्तमान में वह आइजी प्रशिक्षण के पद पर कार्यरत थे। सोमवार को उनके पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए पुलिस आफिसर्स कालोनी, किशनपुर लाया गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ सहित अन्य पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी और शोकाकुल परिवार के प्रति शोक संवेदना व्यक्त कीं।

 

छोटे भाई विवेक खुराना ने मुखाग्नि दी

दिवंगत खुराना का हरिद्वार में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। उनके छोटे भाई विवेक खुराना ने मुखाग्नि दी। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेनि) गुरमीत सिंह ने भी उनके निधन पर दुख व्यक्त किया। वरिष्ठ आइपीएस के असमय निधन से स्वजन, पुलिस विभाग, उनके सहयोगियों, दोस्तों और शुभचिंतकों में शोक की लहर है। वह कई जिलों में एसपी, एसएसपी रहने के साथ ही निदेशक यातायात और डीजी होमगार्ड के पद पर भी तैनात रहे। अभी वह आइजी ट्रेनिंग थे।

ट्रैफिक सुधारने के लिए किए काम

देहरादून के एसएसपी व निदेशक यातायात रहते हुए यातायात व्यवस्था को सुधारने के साथ ही अपराध को नियंत्रण करने में भी विशेष भूमिका निभाई। पलटन बाजार से लेकर शहर में ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने के लिए उन्होंने कई काम किए। पीड़ितों की मदद करने के लिए तत्पर रहते थे।

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