JEE MAIN RESULT 2020: दिल्ली के सरकारी स्कूलों के 500 छात्र-छात्राओं ने रचा सफलता का कीर्तिमान
दिल्ली सरकार के स्कूलों में शिक्षा का स्तर किस हद तक बेहतर हुआ है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि यहां के बच्चे प्रतियोगी परीक्षाओं में भी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं। जेईई परीक्षा में इन स्कूलों के 500 से अधिक बच्चों ने सफलता हासिल की है। इन बच्चों का संघर्ष और इनकी मेहनत भी काबिलेतारीफ है। आइए आपको कुछ ऐसे ही बच्चों से रूबबरू कराते हैं।
JEE MAIN RESULT 2020 : स्वास्थ्य खराब होने पर नहीं मानी हार
इस वर्ष (जेईई) संयुक्त प्रवेश परीक्षा में 91.7 फीसद अंकों से उत्तीर्ण होने वाली पाविता अपने हौसले की पक्की हैं। पीतमपुरा ए ब्लॉक के राजकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की छात्रा पाविता इस वर्ष जनवरी माह में यूरिनर ट्रैक इन्फेकशन (यूटीआइ), पीलिया होने की वजह से वह परीक्षा में शामिल नहीं हो सकीं लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। अपने मजबूत इरादों और माता-पिता के सहयोग से फिर से परीक्षा के लिए तैयार हुई और अप्रैल में शामिल हुई। आज जब उन्हें अच्छे अंक प्राप्त हुए हैं तब वह इसका सारा श्रेय अपने अभिभावक को देती हैं।
पाविता ने बताया कि उन्हें रात में पढ़ना पसंद है और वह देर रात पढ़ाई करती थी। उन्होंने आखिरी तीन महीनों में ही परीक्षा की पूरी तैयारी कर ली। उनके लिए सबसे कठिन विषय रसायन शास्त्र था लेकिन मेहनत कर उन्होंने सबसे अधिक अंक इसी विषय में पाए। पाविता जईई एडवांस के लिए तैयारी कर रही हैं और भविष्य में वह एयरोस्पेस इंजीनिय¨रग करना चाहती हैं। उनके पिता मनोज कुमार ऐडवर्टाइजर हैं और मां ब्यूटिशियन हैं। पाविता को कहानियां लिखना पसंद है और उन्हें कला शिल्प में भी रुचि है।
JEE MAIN RESULT 2020 : बिना कोचिंग के पास की जेईई मेंस की परीक्षा
सूरजमल विहार स्थित राजकीय प्रतिभा विकास विद्यालय के छात्र राज गुप्ता ने जेईई मेंस में 99.25 फीसद अंक प्राप्त किए। इस बात से स्कूल व परिवार में खुशी का माहौल है। राज के पिता अवदेश गुप्ता एक छोटी सी दुकान चलाते हैं, जिससे पूरे घर का खर्च चल रहा है। अवदेश ने बताया कि उनके बेटे ने बिना को¨चग लिए यह परीक्षा पास कि क्योंकि को¨चग दिलाने के लिए वह सक्षम नहीं थे। राज ने बताया कि उन्होंने पूरीक्षा से पहले हर विषय को अच्छे से पढ़ लिया था, जिससे परीक्षा के दिन कोई दिक्कत नहीं हुई। वह पुरानी सीमापुरी में अपने परिवार के साथ रहते हैं।
मुंडका स्थित एक कंप्यूटर सेंटर पर उनकी परीक्षा हुई थी। परीक्षा से पहले कोरोना का डर बहुत सता रहा था पर राज ने ठाना था कि यह परीक्षा देनी भी है और इसे पास कर खुद को साबित भी करना है। उन्होंने कहा कि स्कूल के शिक्षकों का बहुत बड़ा योगदान है। उन्होंने बहुत अच्छे से पढ़ाया उसी के आधार पर यह परीक्षा दी। 11वीं कक्षा में आते ही सोच लिया था कि जेईई का पेपर देकर इंजीनियर बनना है ।
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