मोदी सरकार का तीसरे कार्यकाल का प्रथम आम बजट दिशाहीन, प्रतिगामी, विकास अवरोधी, बेरोजगारी बढ़ाने वाला – कांग्रेस

उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने केन्द्र की मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के प्रथम आम बजट को दिशाहीन, प्रतिगामी, विकास अवरोधी तथा आम आदमी के हितों के खिलाफ मंहगाई और बेरोजगारी बढ़ाने तथा केवल दो राज्यों आंध्र प्रदेश और बिहार प्रदेश को केन्द्र में रखने वाला बजट बताया है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने केन्द्रीय आम बजट पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि केन्द्रीय वित्त मंत्री ने एकबार फिर से अपनी हठधर्मिता का परिचय देते हुए जो बजट प्रस्तुत किया है वह दिशाहीन, प्रतिगामी, विकास विरोधी, मंहगाई व बेरोजगारी बढ़ाने वाला तथा देश की आर्थिक वृद्धि पर चोट पहुंचाने वाला बजट है। केन्द्रीय बजट में केवल बिहार और आंध्र प्रदेश के लिए ही सरकारी खजाना खोला गया है अन्य राज्यों की घोर उपेक्षा की गई है। देश के वित्त मंत्री ने बजट में आंकडों की बाजीगरी कर घुमाकर नाक पकड़ने का काम किया है। मोदी सरकार द्वारा लगातार की जा रही कोरी घोषणाओं व जुमलेबाजी तथा अपने चहेते उद्योग पतियों को लाभ पहुंचाने वाले बजट में वित्तीय प्रबन्धन का नितांत अभाव है। महंगाई से जनता के सिर का बोझ लगातार बढ़ता जा रहा है बजट में महंगाई कम करने की कहीं बात नहीं की गई है।

करन माहरा ने कहा कि वित मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत बजट के प्रावधानों से खस्ताहाल अर्थव्यवस्था में विकास दर दहाई का आंकडा भी नहीं छू पायेगी और न ही रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। नये इवाई अड्डों व चिकित्सालय खोलने की घोषणा की गई है परन्तु जो अस्पताल और हवाई अड्डे वर्तमान में स्थापित हैं उनकी हालत खस्ता हो चली है उसके लिए बजट मे कोई प्रावधान नहीं किया गया है। केन्द्र सरकार द्वारा कृषकों की आय दोगुनी करने तथा आम आदमी की आय दुगनी होने की बात बार-बार की जाती है परन्तु आय दोगुनी करने का कोई प्रावधान बजट में नहीं किया गया है। वेतन भोगी कर्मचारियों को टैक्स में मामूली छूट दी गई है जो ऊंट के मुंह में जीरे के समान है। उन्होंने कहा कि बैसाखियों के सहारे चलने वाली मोदी सरकार ने बजट केवल अपनी बैसाखियों को केन्द्र में रखकर योजनाओं की भरमार लगाई गई है। उत्तराखण्ड जैसे हिमालयी राज्यों की बजट में घोर उपेक्षा की गई है।

करन माहरा ने कहा कि वित्तमंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत आम बजट में मात्र कोरी घोषणाओं का अंबार लगाया गया है परन्तु उन्हें पूरा करने के लिए पैसा कहां से आयेगा इसका कोई उल्लेख नह है। बजट में आम जनता को मंहगाई से निजात दिलाने के लिए कोई प्रावधान नहीं किया गया है। आम बजट में नौजवानों के भविष्य की घोर उपेक्षा की गई है इस बजट से देश में रोजगार के अवसर घटेंगे, किसान, गरीब व आम आदमी के लिए इस बजट में कुछ भी नहीं है। मोदी सरकार के पिछले कार्यकाल में की गई नोटबंदी और जीएसटी से देश में कई हजार लघु उद्योग बन्द हो गये थे, रीयल स्टेट सेक्टर में काम पूरी तरह से ठप्प हुआ तथा एमएसपी लागू न होने से किसानो को उनकी उत्पाद लागत न मिलने के कारण कृषि क्षेत्र में भी रोजगार के अवसर न्यूनतम हुए हैं। इन तीनों क्षेत्र में करोड़ों लोग बेरोजगार हुए तथा देश के ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी का अनुपात लगातार बढा है। नये रोजगार के अवसर सृजित करने के लिए कोरी घोषणायें मात्र हैं तथा इसके लिए बजट में कोई प्रावधान नहीं किया गया है। कोरोना महामारी के बाद बेरोजगार हुए करोड़ों लोगों की पुर्नबहाली की बात पर सरकार आज भी मौन है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के आम बजट को पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने वाला बजट बताया है। उन्होंने कहा कि मध्यम वर्ग के हितों पर बजट में सबसे अधिक चोट की गई है। नौकरी पेशा व्यक्ति को सबसे अधिक नुकसान हुआ है, पहले 7 लाख तक इनकम पर टैक्स नहीं था अब 5 से 7 लाख में 5 प्रतिशत टैक्स लगाकर मध्यम वर्ग के नौकरी पेशा वर्ग के गाल पर टैक्स का तमाचा मारा गया है। इनकम टैक्स छूट के स्लैबों मे की गई बढ़ोत्तरी ऊंट के मुंह में जीरे के समान है। महिला सुरक्षा, किसानों, बेरोजगार नौजवानों के लिए इस बजट में कोई विषेष प्रावधान नजर नही आता है।

करन माहरा ने कहा कि आम बजट में उत्तराखण्ड को खाली हाथ छोड दिया गया है। आपदा प्रभावित राज्य होने के बावजूद उत्तराखण्ड राज्य की जोशीमठ, रैणी, सिलक्यारा जैसी आपदा के लिए बजट में कोई भी प्रावधान नहीं किया गया है। केन्द्र सरकार ने अपने बजट में उत्तराखण्ड जैसे आपदा की दृष्टि से अति संवेदनशील राज्य को रेल कनेक्टिविटी और एयर कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए कुछ भी नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर आम बजट में अपने उद्योगपति मित्रों और सरकार समर्थक दलों जिनकी बैसाखियों पर सरकार टिकी हुई है उनका हित साधन कर देश के आम आदमी की घोर उपेक्षा की गई है।

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