पेट्रोल-डीजल और फल-सब्जियों के दाम बढ़ने के बाद अब उत्तराखंड की आम जनता पर महंगाई की एक और मार पड़ी है। इसका असर केवल मैदानी मार्गों पर पड़ेगा। पर्वतीय मार्गों पर किराया नहीं बढ़ाया गया है।
राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल शुल्क में एक अप्रैल से हुई 10 से 20 प्रतिशत की वृद्धि के बाद अब उत्तराखंड रोडवेज ने बसों के किराये में वृद्धि कर दी है।यह बढ़ोतरी केवल टोल मार्गों पर होगी।पर्वतीय मार्गों की बसों का इस पर कोई असर नहीं होगा, लेकिन गढ़वाल से कुमाऊं जाने वाली बसों में टोल के कारण किराया ज्यादा देना होगा। रोडवेज महाप्रबंधक दीपक जैन ने बताया कि किराये में पांच रुपये से 20 रुपये तक की बढ़ोतरी हुई है।किराये की वृद्धि दिल्ली, जयपुर, मेरठ, सहारनपुर, पानीपत, आगरा, लखनऊ, बरेली, मुरादाबाद, कानपुर समेत रुड़की, गुरुग्राम, फरीदाबाद, नैनीताल और हल्द्वानी आदि मार्ग पर हुई है।दून-दिल्ली और दून-हल्द्वानी के मध्य चार-चार टोल प्लाजा पड़ते हैं। यहां रोडवेज बस को एक फेरे में 2000 रुपये से ऊपर टोल देना पड़ रहा है। इसी तरह दून-हरिद्वार-ऋषिकेश व दून-सहारनपुर के बीच एक टोल पड़ता है।
किराया वृद्धि का असर केवल मैदानी मार्गों पर पड़ेगा। देहरादून-गढ़वाल के बीच कोई टोल प्लाजा नहीं होने के कारण पर्वतीय मार्गों का किराया पहले वाला ही रहेगा। टोल शुल्क में वृद्धि एक अप्रैल को ही हो गई थी, लेकिन रोडवेज ने एक हफ्ते की समीक्षा के बाद किराया बढ़ाने की बात कही थी।महाप्रबंधक दीपक जैन ने बताया कि समीक्षा के बाद पांच रुपये से 20 रुपये तक की वृद्धि का फैसला किया गया है, जो शुक्रवार से लागू हो गई है।