सचिवालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में उत्तराखंड भू संपदा नियामक प्राधिकरण(रेरा) की ओर से केंद्र की तर्ज पर तैयार नियमावली पर चर्चा हुई।उत्तराखंड में मकान और भूखंड बेचने में रीयल एस्टेट से जुड़े कारोबारी अब मनमानी और धोखाधड़ी नहीं कर पाएंगे। इसके लिए प्रदेश मंत्रिमंडल ने उत्तराखंड भू संपदा विनियमन एवं विकास(विक्रय करार) नियमावली को मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही 14 अन्य प्रस्तावों पर भी कैबिनेट ने मुहर लगा दी जिसमें स्कूलों में 12वीं कक्षा तक स्वास्थ्य एवं स्वच्छता पाठ्यक्रम शुरू करना प्रमुख है।
बुधवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में उत्तराखंड भू संपदा नियामक प्राधिकरण(रेरा) की ओर से केंद्र की तर्ज पर तैयार नियमावली पर चर्चा हुई। इसमें मकान या प्लाट खरीदने वाले और बिल्डर के बीच क्रय-विक्रय अनुबंध के लिए एक प्रारूप तैयार करने पर सहमति बनी। अभी तक अनुबंध को बिल्डर अपनी मनमर्जी से तैयार करते थे, जिसमें खरीदारों के साथ धोखाधड़ी की अधिक आशंकाएं रहती हैं। नियमावली में निर्माण के आधार पर खरीददारों से भुगतान समेत अन्य शर्तें तय की गई हैं।
केदारनाथ धाम में दूसरे चरण के पुनर्निर्माण कार्य के लिए जमीन उपलब्ध न होने की स्थिति में सरकार ने यहां दो मंजिला भवन निर्माण की अनुमति दी है। इसमें दोनों ही मंजिल एक ही ठेकेदार के जरिए बनवाने की शर्त रखी गई है। इसके अलावा बदरीनाथ और केदारनाथ धाम में निर्माण कार्यों में तेजी लाने के लिए आईएनआई कंसलटेंसी एजेंसी को अधिक मानवशक्ति के इस्तेमाल की मंजूरी दी गई।
उत्तराखंड की जीडीपी व आय को पांच वर्ष में दोगुना करने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर की कंसलटेंसी एजेंसी नियुक्त करने का निर्णय लिया है। यब एजेंसी विभिन्न विभागों से सुझाव लेकर सरकार को रिपोर्ट देगी।
एकीकृत बागवानी विकास परियोजना की क्रियान्वयन इकाई के लिए 70 पद सृजित किए जाएंगे। 526 करोड़ की यह परियोजना पहले चरण में नैनीताल, पिथौरागढ़, टिहरी व उत्तरकाशी में संचालित की जाएगी।
रेलवे ट्रैक के आसपास रेलवे मेन्युअल के अनुसार निर्माण कार्य होंगे। लोक निर्माण विभाग, सिंचाई जैसे विभागों से कराए जाने वाले कार्य के लिए भी रेलवे से सहमति लेनी होगी ताकि ट्रैक को नुकसान न पहुंचे।