होली पर यात्रियों को बेहतर सुविधा देने व कम वक्त में यात्रा पूरी कराने के लिए रोडवेज प्रबंधन ने दिल्ली मार्ग की वातानुकूलित एवं जनरथ बसों के मेरठ एक्सप्रेस-वे पर संचालन का फैसला लिया है। बताया गया कि इन दिनों मेरठ-मोहननगर के बीच मेट्रो रेल का कार्य प्रगति पर होने से बसें तीन से चार घंटे जाम में फंस रहीं हैं।दून से दिल्ली जाने वाले बसों को यात्रा में दस घंटे लग रहे। ऐसे में होली के मद्देनजर भीड़ बढ़ने से बसों के अधिक फेरे नहीं लग पाएंगे। इसके दृष्टिगत रोडवेज प्रबंधन ने दिल्ली मार्ग की डीलक्स बस को मेरठ एक्सप्रेस-वे से वाया मोहननगर होकर दिल्ली भेजने के आदेश दिए हैं। इससे यह बसें लगभग साढ़े पांच घंटे में दिल्ली पहुंच जाएंगी और जल्द वापसी करेंगी।
रोडवेज इस समय अपनी सुपर डीलक्स सेवा वाल्वो बस का संचालन एक्सप्रेस-वे पर कर रहा है। दिल्ली के लिए वाल्वो बसें नानस्टाप भेजी जा रहीं।यह बसें बिहारीगढ़ से एक्सप्रेस-वे होकर मुजफ्फरनगर से मेरठ और वहां से फिर एक्सप्रेस-वे होकर नोएडा होते हुए दिल्ली आइएसबीटी जा रहीं। बसों को दून-दिल्ली की दूरी तय करने में केवल चार घंटे लग रहे, जबकि बाकी बसें करीब आठ से दस घंटे में यह सफर तय कर रही हैं। होली के मद्देनजर यात्रियों की भीड़ बढ़नी शुरू हो गई है और मौसम भी गर्म हो गया है, ऐसे में यात्री एसी और जनरथ बसों को भी तरजीह दे रहे।
रोडवेज में इनकी संख्या सीमित है, लिहाजा मंडल प्रबंधक संजय गुप्ता ने मंगलवार से समस्त एसी व जनरथ बसों का संचालन देहरादून से वाया रुड़की होकर मेरठ से एक्सप्रेस-वे से मोहननगर-दिल्ली आइएसबीटी मार्ग पर करने के आदेश दिए हैं। मोहननगर में यात्रियों की काफी संख्या रहती है, यही वजह है कि इन बसों को नोएडा के बजाए मोहननगर होकर चलाया जाएगा। रोडवेज प्रबंधन ने आदेश दिए हैं कि रास्ते में यात्री को देखकर अगर बस चालक ने बस नहीं रोकी तो उसके विरुद्ध कार्रवाई होगी।
भीड़ के मद्देनजर रोडवेज प्रबंधन ने लंबी दूरी के समस्त मार्गों पर अतिरिक्त साधारण बसें लगा दी हैं। जो बसें मामूली खराबी के कारण कार्यशालाओं में खड़ी थी, उन सभी को तत्काल ठीक कर मार्ग पर संचालन को भेजने का आदेश दिया गया है। देहरादून में ही दिल्ली एवं अन्य मार्गों पर सौ अतिरिक्त बसें लगाई गई हैं। होली के मद्देनजर रोडवेज प्रबंधन ने बसों के सुचारू संचालन के लिए चालक व परिचालकों समेत डिपो अधिकारियों के अवकाश पर रोक लगा दी है। बताया गया कि बेहद अपरिहार्य स्थिति में ही मुख्यालय स्तर से अवकाश की मंजूरी दी जाएगी। इस दौरान अवकाश न लेने वालों को प्रबंधन ने प्रोत्साहन राशि देने का निर्णय लिया है।