बिजली चोरी में यूपीसीएल का जेई व एक्सईएन निलंबित

नारसन हरिद्वार में बिजली चोरी के आरोप में निलंबित दो अभियंता ऊर्जा निगम के लिए इसी तरह की बाढ़ के रूप में काम कर रहे थे।

यहां सवाल उठ रहा है कि सुविधानुसार एसडीओ को अधिशासी अभियंता का प्रभार क्यों दिया गया था? जूनियर अधिकारी को बड़ा दायित्व दिए जाने का एक मामला कुछ महीने पहले मुख्य अभियंता गढ़वाल परिक्षेत्र के रूप में भी उजागर हुआ। सुर्खियों में आने से पहले प्रबंध निदेशक कार्यालय में वरिष्ठ अधिकारी की तैनाती कर जूनियर अधिकारी को हटा दिया था।

सभी समाचार पत्रों ने बिजली घर से बिजली चोरी, स्मार्ट मीटर से छेड़छाड़ के आरोप में यूपीसीएल मुख्यालय ने जेई, एक प्रभारी अधिशासी अभियंता को निलंबित करने की खबर आज प्रमुखता से प्रकाशित की है। खबर में कहा गया है कि दो दिन पहले गुरुकुल नारसन स्थित यूपीसीएल के बिजली घर के बाहर से पुलिस ने कुछ लोगों को पकड़ा। पूछताछ में उन्होंने बिजलीघर में लगे वासू स्टील फैक्ट्री के मीटर में छेड़छाड़ की बात स्वीकारी। मापक टीम ने जांच की तो मौके पर पुष्टि हो गई कि मीटर में छेड़छाड़ करके बिजली चोरी की जा रही थी। टीम ने मीटर को सील कर दिया और जांच के लिए भेज दिया।

मामले में उपनल के कर्मचारी अकरम अली समेत पांच पर मुकदमा दर्ज हुआ, जिसमें दो फैक्ट्री के कर्मचारी भी बताए जा रहे हैं।
निदेशक परिचालन एमआर आर्य ने लंढौरा के एसडीओ और विद्युत वितरण खंड रुड़की के प्रभारी अधिशासी अभियंता गुलशन बुलानी को निलंबित करते हुए मुख्य अभियंता वितरण, रुद्रपुर क्षेत्र संबद्ध किया गया है। उनकी जगह सहायक अभियंता हरिद्वार अमित तोमर को जिम्मेदारी सौंपी गई है। सवाल उठ रहे हैं कि एक एसडीओ को आखिर अधिशासी अभियंता का प्रभार कैसे दिया गया।

निदेशक परिचालन आर्य ने मामले में एसडीओ मंगलौर जेई अनुभव सैनी को निलंबित कर मुख्य अभियंता वितरण कुमाऊं क्षेत्र हल्द्वानी संबद्ध किया है। उनकी जगह एसडीओ झबरेड़ा मोहम्मद रिजवान को अतिरिक्त कार्यभार दिया गया है। मामले में मुख्य अभियंता गढ़वाल की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति गठित की है, जिसमें एक अधीक्षण अभियंता व एक डिप्टी सीएफओ हैं। इनकी रिपोर्ट के आधार पर फैक्ट्री मालिक के खिलाफ कार्रवाई होगी।

इस मामले में निगम के प्रबंध निदेशक अनिल कुमार यादव का कहना है कि अधिशासी अभियंता स्तर तक के अधिकारियों को निलंबित कर जांच बैठा दी है। पूरी एनर्जी अकाउंटिंग कराएंगे। कहीं भी कोई गड़बड़ी पकड़ी जाएगी तो सीधे सख्त कार्रवाई होगी। एमडी ने आदेश दिया है कि रुड़की, भगवानपुर समेत पूरे क्षेत्र में उच्च बिजली खपत वाली सभी स्टील फैक्ट्री और अन्य उद्योगों का एनर्जी अकाउंटिंग ऑडिट होगा। इससे स्पष्ट होगा कि बिजली किस स्तर पर खपत हो रही है। कहीं किसी स्तर पर कोई गड़बड़ी पकड़ में आई तो उस हिसाब से कार्रवाई होगी।

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