विधानसभा चुनाव की घोषणा होने के बाद पहली बार उत्तराखंड दौरे पर आए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रुद्रप्रयाग से पूर्व सैनिकों, महिलाओं और अनुसूचित जाति के मतदाताओं को साधने का प्रयास किया। इस दौरान उन्होंने सेना की मजबूती, वन रैंक-वन पेंशन, देहरादून में सैन्यधाम की स्थापना जैसे विषयों को उठाते हुए पूर्व सैनिकों, सैनिकों व उनके परिवारों की भावनाओं को छुआ। साथ ही मातृशक्ति और अनुसूचित जाति के कल्याण के लिए संचालित विभिन्न योजनाओं का उल्लेख भी किया। उन्होंने उत्तराखंड के चहुंमुखी विकास के प्रति भाजपा की प्रतिबद्धता और यहां के विकास के लिए डबल इंजन के महत्व को भी रेखांकित किया।
सैनिक बहुल उत्तराखंड में सैनिकों, पूर्व सैनिकों व उनके परिवारों को साधने पर सभी राजनीतिक दलों का मुख्य रूप से फोकस रहता है। रुद्रप्रयाग दौरे में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सैनिक परिवारों की भावनाओं को छूते हुए कहा कि देश की कोई भी सीमा ऐसी नहीं है, जहां वीरभूमि उत्तराखंड के वीर जवान सुरक्षा में न डटे हों। उत्तराखंड के लाल दिवंगत सीडीएस जनरल बिपिन रावत को याद करते हुए शाह ने कहा कि उनके योगदान को देश कभी नहीं भुला सकता। देहरादून में बनाए जा रहे सैन्यधाम का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह हमारे वीर जवानों के शौर्य, समर्पण, त्याग और बलिदान को सरकार की ओर से दी जा रही श्रद्धांजलि है।
उत्तराखंड के विकास की धुरी कही जाने वाली मातृशक्ति के साथ संवाद में शाह ने राज्य के विकास में महिलाओं की भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि बीते सात वर्षों में मातृशक्ति ने उत्तराखंड का विकास बदल डाला। वे हर क्षेत्र में निरंतर आगे बढ़ रही हैं। साथ ही उन्होंने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान, सुकन्या समृद्धि योजना, राज्य में सहकारिता विभाग के माध्यम से संचालित मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना, सैनिक स्कूलों में लड़कियों को प्रवेश जैसी कई योजनाओं का उल्लेख किया। साथ ही संदेश देने का प्रयास किया कि मातृशक्ति को आगे बढ़ाने के लिए भाजपा मुस्तैदी से डटी हुई है।
इसके अलावा शाह ने अनुसूचित जाति के उत्थान के लिए केंद्र और राज्य सरकार की ओर से उठाए कदमों जिक्र किया। साथ ही भारत रत्न बाबा साहेब डा भीमराव आंबेडकर को संसद में न पहुंचने देने का उल्लेख कर कांग्रेस पर निशाना साधा। साथ ही केंद्र सरकार द्वारा डा आंबेडकर से जुड़े पंचतीर्थों के विकास, समरसता दिवस व संविधान दिवस मनाने की शुरुआत, गरीब वर्ग के लिए अपना घर, मुद्रा योजना में 50 प्रतिशत ऋण अनुसूचित जाति के व्यक्तियों को देने जैसे निर्णयों पर भी रोशनी डाली।