कांग्रेस, दिल्ली में गुरुवार को प्रदेश स्क्रीनिंग कमेटी की देर रात तक चली बैठक में 40 से 45 सीटों पर सहमति

कांग्रेस में उत्तराखंड की 70 विधानसभा सीटों में से दो दर्जन सीटों पर सहमति बनने में अभी वक्त लग सकता है। दिल्ली में गुरुवार को प्रदेश स्क्रीनिंग कमेटी की देर रात तक चली बैठक में 40 से 45 सीटों पर सहमति बनी है। स्क्रीनिंग कमेटी अगले दो या तीन दिन में केंद्रीय चुनाव समिति के साथ बैठक करेगी। इसके बाद प्रत्याशियों की पहली सूची जारी की जा सकती है।कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव अविनाश पांडेय की अध्यक्षता में प्रदेश स्क्रीनिंग कमेटी की गुरुवार दोपहर से देर रात्रि तक मैराथन बैठक चली। बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री व प्रदेश कांग्रेस चुनाव अभियान समिति अध्यक्ष हरीश रावत, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल, नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह, प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव एवं तीनों प्रदेश सह प्रभारी शामिल हुए। कमेटी ने विधानसभा क्षेत्रवार 70 सीटों पर टिकट को लेकर मंथन किया। सूत्रों के मुताबिक बैठक में प्रदेश के दिग्गजों के बीच कुछ सीटों को लेकर मतभेद भी सामने आए हैं, लेकिन केंद्रीय नेताओं की मौजूदगी में सहमति बनाने का दबाव भी रहा।

प्रदेश में चुनाव की तारीख घोषित होने के बाद स्क्रीनिंग कमेटी की यह पहली बैठक है। इससे पहले स्क्रीनिंग कमेटी दो बार दिल्ली में ही बैठक कर चुकी है। इससे पहले उत्तराखंड का व्यापक दौरा कमेटी के सदस्यों ने किया था। बताया जा रहा है कि तकरीबन दो दर्जन सीटों पर प्रत्याशियों के चयन में अभी वक्त लग सकता है। इन सीटों पर दावेदारों की संख्या अधिक है। साथ ही पार्टी राज्य के राजनीतिक तापमान और अन्य दलों में सेंधमारी के विकल्प को ध्यान में रखकर भी इन सीटों पर पत्ते खोलने के पक्ष में अभी नहीं है।अलबत्ता, 40 से 45 सीटों पर कमेटी की बैठक में सभी सदस्यों ने सहमति दी है। बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के चुनाव लड़ने की संभावना पर भी चर्चा हुई। हालांकि इस बारे में अंतिम फैसला हरीश रावत के साथ केंद्रीय नेतृत्व बाद में ले सकता है।उत्तरप्रदेश में कांग्रेस प्रत्याशियों की सूची में महिलाओं को 40 प्रतिशत टिकट दिए जाने से उत्तराखंड में भी पार्टी की महिला नेताओं की उम्मीदें बढ़ गई हैं। प्रदेश कांग्रेस सचिव शांति रावत ने उत्तराखंड में भी महिलाओं को 20 प्रतिशत टिकट देने की पैरवी की है। उन्होंने कहा कि विभिन्न जिलों में पार्टी की कई महिला नेता सक्रिय हैं और उनकी जनता में अच्छी पैठ है। लिहाजा उन्हें टिकट दिया जाना चाहिए।

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