दिनभर दिल्ली में बैठकों के दौर चलते रहे, इधर देहरादून में राजनीतिक सुगबुगाहट जोर पकड़ती रही। सियासत से लेकर सत्ता के गलियारों में हर तरफ एक ही सवाल तैरता रहा कि दिल्ली की क्या खबर है, वहां क्या हो रहा है?
उत्तराखंड में मंत्रिमंडल में फेरबदल की चर्चाओं के बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बुधवार को भी नई दिल्ली में जमे रहे। इस दौरान उनकी बैठकों के दौर चलते रहे। बंद कमरों में हुई इन बैठकों में मुख्यमंत्री के अलावा पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट और कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के शामिल होने की भी चर्चाएं हैं।
इन चर्चाओं को महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की नई दिल्ली में मौजूदगी ने और अधिक हवा दी। कोश्यारी का अनायास नई दिल्ली पहुंचकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ मंत्रणा करना सियासी जानकारों की निगाह में संयोग से अधिक रणनीतिक माना जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक, महाराष्ट्र सदन में कोश्यारी की मौजूदगी में सीएम धामी, प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट, कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के बीच मंत्रणा हुई। मंत्रणा का एजेंडा क्या था, इसका खुलासा तो नहीं हो पाया है, लेकिन कयास यही लगाए जा रहे हैं कि राज्य में ताजा सियासी हालात के बीच संघ, सरकार और संगठन को असहज करने वाली घटनाओं से निपटने की रणनीति पर मंथन हुआ है।
सूत्र आने वाले कुछ दिनों में मंत्रिमंडल में फेरबदल या विस्तार की संभावना से भी इनकार नहीं कर रहे हैं। कैबिनेट में तीन पद खाली हैं। अंकिता हत्याकांड पर विपक्ष की सियासत का तोड़ भी तलाशने की कोशिश हो रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भाजपा के राष्ट्रीय कार्यालय पहुंचे जहां उन्होंने राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष से भेंट की। इस दौरान उनकी केंद्रीय नेता से बंद कमरे में चर्चा हुई। बताया जा रहा है कि सीएम ने संतोष को अधीनस्थ सेवा चयन आयोग, विधानसभा में बैकडोर भर्ती पर कार्रवाई और अंकिता हत्याकांड के मामले में सरकार द्वारा अब तक उठाए गए कदमों की जानकारी दी। साथ ही उन्होंने इन मुद्दों पर विपक्षी दलों की सियासत के बारे में अवगत कराया। पार्टी कार्यालय में मुख्यमंत्री ने राज्यसभा सांसद व भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनिल बलूनी से भी भेंट की। चर्चा यह भी कि मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एक वरिष्ठ पदाधिकारी से भी भेंट की।
मुख्यमंत्री के बुधवार को भी नई दिल्ली में डेरा जमाने से दिल्ली से दून तक सियासी हलकों में चर्चाओं का बाजार गर्म रहा। मंत्रिमंडल में फेरबदल, नवरात्र या उसके बाद सरकार में पार्टी के लोगों को दायित्व दिए जाने को लेकर सुगबुगाहट होती रही।
मुख्यमंत्री बृहस्पतिवार को देहरादून लौट सकते हैं। इससे पूर्व वह पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात कर सकते हैं। बहरहाल पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट भी नई दिल्ली में ही डटे हैं।