पटना में प्रॉपर्टी टैक्स में बड़ा इजाफा, 5,500 से अधिक मकान मालिकों और दुकानदारों पर बढ़ेगा बोझ

पटना में संपत्ति कर में वृद्धि से 5,500 से अधिक मकान मालिकों और दुकानदारों पर बोझ बढ़ेगा। इस वृद्धि से शहर के निवासियों पर अतिरिक्त वित्तीय दबाव पड़ने की संभावना है, क्योंकि उन्हें अब अपनी संपत्तियों पर अधिक कर देना होगा। यह खबर पटना के संपत्ति मालिकों के लिए महत्वपूर्ण है।

 बिहार की राजधानी पटना में मकान मालिकों और दुकानदारों के लिए प्रॉपर्टी टैक्स को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। पटना नगर निगम के नए फैसले के बाद अब शहर के हजारों मकान मालिकों और व्यवसायियों को पहले की तुलना में डेढ़ गुना से लेकर दोगुना तक प्रॉपर्टी टैक्स देना होगा। इस फैसले का सीधा असर करीब 5,500 से अधिक घरों और दुकानों पर पड़ेगा।

दरअसल, नगर निगम ने शहर की सड़कों के पुनर्वर्गीकरण की प्रक्रिया पूरी कर ली है। इस प्रक्रिया के तहत 19 सड़कों को ‘प्रधान मुख्य सड़क’ की श्रेणी में शामिल किया गया है। इन सड़कों पर स्थित मकान और दुकानें अब उच्च कर श्रेणी में आ गई हैं, जिससे संपत्ति कर में उल्लेखनीय बढ़ोतरी तय मानी जा रही है। नगर निगम के अनुसार, यह निर्णय कर निर्धारण को अधिक व्यवस्थित और पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से लिया गया है।

नगर निगम द्वारा जारी जानकारी के मुताबिक, नगर विकास एवं आवास विभाग से मंजूरी मिलने के बाद कुल 112 सड़कों की नई सूची तैयार की गई है। इनमें 43 सड़कों को प्रधान मुख्य सड़क और 69 सड़कों को मुख्य सड़क की श्रेणी में रखा गया है। इससे पहले शहर में 24 प्रधान मुख्य सड़क और 88 मुख्य सड़कें थीं। नई व्यवस्था के तहत जो 19 सड़कें प्रधान मुख्य सड़क बनी हैं, उनके दायरे में आने वाली 5,500 से अधिक संपत्तियों पर टैक्स बढ़ जाएगा।

नई दरों के अनुसार सामान्य सड़कों पर 10 रुपये प्रति यूनिट, मुख्य सड़क पर 20 रुपये प्रति यूनिट और प्रधान मुख्य सड़क पर स्थित संपत्तियों से 30 रुपये प्रति यूनिट टैक्स वसूला जाएगा। इसका मतलब यह है कि मुख्य सड़क की तुलना में प्रधान मुख्य सड़क पर स्थित मकान और दुकानों को करीब 1.5 गुना अधिक टैक्स देना होगा। यह नई व्यवस्था 19 मई 2025 से प्रभावी मानी जाएगी।

इसके साथ ही नगर निगम ने प्रॉपर्टी टैक्स के बकाया भुगतान को लेकर भी सख्ती बढ़ा दी है। बकाया वसूली के लिए विशेष टीम का गठन किया गया है, जो 22 दिसंबर से घर-घर जाकर टैक्स भुगतान के लिए लोगों को जागरूक करेगी। वन टाइम सेटलमेंट (ओटीएस) योजना के तहत एकमुश्त भुगतान करने वालों को ब्याज और दंड में छूट की सुविधा भी दी जा रही है।

बिहार नगरपालिका अधिनियम, 2007 के तहत जारी नई अधिसूचना के अनुसार कई व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर दोगुना कर लगाया जाएगा। इसमें होटल, जिम, हेल्थ क्लब, विवाह भवन, निजी अस्पताल, बैंक, बीमा कंपनियां और बड़े गोदाम शामिल हैं। वहीं कोचिंग संस्थान, नर्सिंग होम, निजी शैक्षणिक संस्थान, शोरूम, शॉपिंग मॉल, सिनेमा, मल्टीप्लेक्स और रेस्टोरेंट पर 1.5 गुना कर वसूला जाएगा। इस फैसले से पटना के व्यवसायिक और आवासीय संपत्ति मालिकों पर आर्थिक दबाव बढ़ना तय माना जा रहा है।

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