उत्तराखंड की पांचवीं विधानसभा के चुनाव में ऊंट किस करवट बैठेगा, यह अब बस तीन दिन बाद 10 मार्च को सामने आ जाएगा, लेकिन भाजपा ने मतदान के बाद की संभावित स्थिति का आकलन कर अपनी तैयारी शुरू कर दी है। पार्टी ने सोमवार को देहरादून में मतगणना को लेकर एक बड़ी बैठक बुलाई है, मगर इससे पहले ही पार्टी के दिग्गज रविवार को मंथन के लिए जुटे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी व प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री व सांसद डा. रमेश पोखरियाल निशंक व भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बीच लंबी बैठक हुई। टिहरी से भाजपा प्रत्याशी एवं कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने पूर्व केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक से देहरादून में उनके आवास में भेंट की।
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में इस बार अधिकांश सीटों पर भाजपा और कांग्रेस के मध्य सीधा मुकाबला है, तो कई सीटों पर बसपा, सपा, उत्तराखंड क्रांति दल, आम आदमी पार्टी व निर्दलीय मुकाबले को त्रिकोणीय भी बना रहे हैं। भाजपा ने वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में 57 सीटों पर जीत दर्ज की थी, लिहाजा अपने इस प्रदर्शन की पुनरावृत्ति की चुनौती उसके सामने है। उधर, कांग्रेस ने पिछली बार अपना अब तक का सबसे कमजोर प्रदर्शन किया और 11 पर सिमट कर रह गई। कांग्रेस इस बार कहीं बेहतर प्रदर्शन कर सत्ता में वापसी की उम्मीद कर रही है।
गत 14 फरवरी को सभी 70 सीटों पर हुए मतदान के बाद भाजपा नेतृत्व लगातार पार्टी के प्रदर्शन को लेकर मंथन कर रहा है। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के बुलावे पर पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक पिछले दिनों दिल्ली में उनसे भेंट कर फीडबैक दे चुके हैं। हाल ही में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी नड्डा से वाराणसी में मुलाकात की और चुनाव को लेकर जानकारी दी। मतदान के बाद जिस तरह कई विधायकों व प्रत्याशियों ने भितरघात का अंदेशा जताया, उससे पार्टी असहज हुई है। यही वजह है कि पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व लगातार प्रदेश भाजपा के नेताओं के संपर्क में है।
इसके बाद रविवार शाम स्थानीय एक होटल में भाजपा के वरिष्ठ नेता जुटे। निशंक और विजयवर्गीय के साथ मुख्यमंत्री धामी, प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक व सह प्रभारी रेखा वर्मा ने काफी देर तक संभावित चुनाव परिणाम के आकलन को लेकर मंथन किया। सूत्रों के अनुसार भाजपा चुनाव परिणाम के बाद की तीन संभावित स्थिति को लेकर अपनी तैयारी कर रही है। अगर भाजपा आसानी से बहुमत हासिल करते हुए 40 से अधिक सीटें जीतती है तो इसके लिए पार्टी को परिणाम आने पर सरकार बनाने के लिए कोई मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी। अगर भाजपा बहुमत का आंकड़ा छुए या इसके आसपास रहे तो उस स्थिति में पार्टी की रणनीति अलग रहेगी। इसके अलावा त्रिशंकु विधानसभा आने, यानी किसी भी पार्टी को बहुमत न मिलने की स्थिति में भाजपा को तमाम पहलुओं का ध्यान रखते हुए किस तरह आगे ब है, इसके लिए अलग रणनीति तैयार की जा रही है। सूत्रों के अनुसार बैठक में इन सभी विषयों पर चर्चा हुई।