दुनिया आतंकवाद पर स्पष्ट रुख अपनाए, दोहरी नीति बर्दाश्त नहीं : पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज तियानजिन में 25वें शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के राष्ट्राध्यक्ष परिषद शिखर सम्मेलन सत्र को संबोधित कर रहे हैं. इस बीच वह रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे. इसके बाद उनका भारत के लिए रवाना होने का कार्यक्रम है. इससे पहले रविवार को पीएम मोदी ने एससीओ नेताओं के शिखर सम्मेलन के मौके पर चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय वार्ता की. इस दौरान दोनों नेताओं ने अक्टूबर 2024 में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के मौके पर कजान में अपनी पिछली बैठक के बाद से द्विपक्षीय संबंधों में सकारात्मक प्रगति का स्वागत किया. दोनों ने पुष्टि की कि दोनों देश विकास भागीदार हैं न कि प्रतिद्वंद्वी और उनके मतभेद विवादों में नहीं बदलने चाहिए.

पीएम मोदी ने आपसी सम्मान, आपसी हित और आपसी संवेदनशीलता के आधार पर भारत और चीन के बीच एक स्थिर संबंध और सहयोग का आह्वान किया. प्रधानमंत्री मोदी ने द्विपक्षीय संबंधों के निरंतर विकास के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और स्थिरता के महत्व पर भी जोर दिया. दोनों नेताओं ने कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने और पर्यटक वीजा की शुरुआत के आधार पर सीधी उड़ानों और वीजा सुविधा के माध्यम से लोगों से लोगों के संबंधों को मजबूत करने के महत्व पर जोर दिया.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘सुरक्षा, शांति और स्थिरता किसी भी देश के विकास का आधार है. लेकिन आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद इस राह में बड़ी चुनौतियाँ हैं. आतंकवाद सिर्फ किसी देश की सुरक्षा के लिए ही नहीं, बल्कि पूरी मानवता के लिए एक साझा चुनौती है. कोई भी देश, कोई भी समाज, कोई भी नागरिक इससे खुद को सुरक्षित नहीं मान सकता. इसलिए, भारत ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एकता पर जोर दिया है. भारत ने संयुक्त सूचना अभियान का नेतृत्व करके अल-कायदा और उससे जुड़े आतंकवादी संगठनों से लड़ने की पहल की. हमने आतंकवाद के फंडिंग के खिलाफ आवाज उठाई.’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा,’हमें स्पष्ट और सर्वसम्मति से कहना होगा कि आतंकवाद पर कोई भी दोहरा मापदंड स्वीकार्य नहीं है. यह हमला मानवता में विश्वास रखने वाले हर देश और व्यक्ति के लिए एक खुली चुनौती थी. ऐसे में यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि क्या कुछ देशों द्वारा आतंकवाद का खुला समर्थन हमें स्वीकार्य हो सकता है. हमें हर रूप और रंग के आतंकवाद का सर्वसम्मति से विरोध करना होगा. मानवता के प्रति यह हमारा कर्तव्य है.’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘भारत पिछले चार दशकों से आतंकवाद का दंश झेल रहा है. हाल ही में हमने पहलगाम में आतंकवाद का सबसे बुरा रूप देखा. मैं इस दुख की घड़ी में हमारे साथ खड़े होने वाले मित्र देश के प्रति आभार व्यक्त करता हूँ.’पीएम मोदी ने कहा, ‘भारत ने एससीओ के सदस्य के रूप में बहुत सकारात्मक भूमिका निभाई है. एससीओ के लिए भारत का दृष्टिकोण और नीति तीन महत्वपूर्ण स्तंभों पर आधारित है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन एससीओ शिखर सम्मेलन में कहा, ‘मुझे एससीओ शिखर सम्मेलन में भाग लेकर खुशी हो रही है. मैं राष्ट्रपति शी जिनपिंग को हमारे भव्य स्वागत के लिए धन्यवाद देना चाहता हूँ. आज उज्बेकिस्तान का स्वतंत्रता दिवस है, मैं उन्हें भी बधाई देता हूँ.’

राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा, ‘एससीओ के सभी सदस्य देश मित्र और साझेदार हैं. हमें अपने मतभेदों का सम्मान करना चाहिए, रणनीतिक संवाद बनाए रखना चाहिए, आम सहमति बनानी चाहिए और एकजुटता एवं सहयोग को मजबूत करना चाहिए. हमें सहयोग के दायरे को और बड़ा बनाना चाहिए और प्रत्येक देश की क्षमताओं का पूरा उपयोग करना चाहिए ताकि हम क्षेत्र में शांति, स्थिरता, विकास और समृद्धि के लिए अपनी जिम्मेदारी पूरी कर सकें.’

चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने आगे कहा, ‘आगे की ओर देखते हुए हमें चुनौतियों और परिवर्तनों से भरी दुनिया में शंघाई भावना को आगे बढ़ाना चाहिए. ठोस कदमों के साथ आगे बढ़ना चाहिए और अपने संगठन की क्षमता का बेहतर उपयोग करना चाहिए. हमें मतभेदों को दरकिनार करते हुए साझा आधार तलाशना चाहिए. साझा आकांक्षाएं शक्ति और लाभ का स्रोत हैं और मतभेदों को दर्शाते हुए समानता तलाशने की इच्छाशक्ति बुद्धिमत्ता और दूरदर्शिता को दर्शाती है.’

चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा, ‘हमने कानून प्रवर्तन और सुरक्षा सहयोग को लगातार बढ़ावा दिया, मतभेदों को ठीक से प्रबंधित और सुलझाया, बाहरी हस्तक्षेप का स्पष्ट रूप से विरोध किया और क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखी. हम बेल्ट एंड रोड सहयोग शुरू करने वाले पहले देश हैं. हम हमेशा अंतरराष्ट्रीय निष्पक्षता और न्याय के पक्ष में खड़े हैं, सभ्यताओं के बीच समावेशिता और आपसी सीख की वकालत करते हैं और आधिपत्यवाद और सत्ता की राजनीति का विरोध करते हैं.’

तियानजिन में एससीओ सदस्य सत्र में अपने उद्घाटन भाषण में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा, ’24 साल पहले जब इसकी स्थापना हुई थी तभी एससीओ ने शंघाई भावना की स्थापना की. ये पारस्परिक विश्वास, पारस्परिक लाभ, समानता, परामर्श, सभ्यताओं की विविधता के प्रति सम्मान और साझा विकास की खोज पर आधारित है. हम अपने सीमावर्ती क्षेत्रों में सैन्य विश्वास-निर्माण तंत्र स्थापित करने वाले पहले देश हैं जिसने हमारी विस्तृत सीमाओं को मित्रता, पारस्परिक विश्वास और सहयोग के बंधन में बदल दिया.

हम आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद की तीन शक्तियों के विरुद्ध बहुपक्षीय कार्रवाई करने वाले पहले देश हैं. हमने कानून प्रवर्तन और सुरक्षा सहयोग को लगातार बढ़ावा दिया.’चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने एक शिखर सम्मेलन में विश्व व्यवस्था में ‘धमकाने’ वाले व्यवहार की निंदा की, जिसमें रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित 20 से अधिक विश्व नेता शामिल हुए.

एससीओ शिखर सम्मेलन को पीएम मोदी का संबोधित कर रहे हैं. इसमें उन्होंने कहा कि एससीओ बाहरी हस्तक्षेप का विरोध करता है. अमेरिका के दबाव के बाद भी भारत रूस से तेल खरीदता रहा. यूक्रेन युद्ध में भी भारत ने रूस का साथ नहीं छोड़ा.SCO सम्मेलन शुरू हो चुका है. चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा कि चीन एससीओ को आगे ले जाने का काम करेगा. उन्होंने आगे कहा कि वैश्विक नीति में धमकाना नामंजूर.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और अन्य राष्ट्राध्यक्ष/शासनाध्यक्ष चीन के तियानजिन में शंघाई सहयोग परिषद (एससीओ) सदस्य सत्र में भाग लेते हुए.SCO शिखर सम्मेलन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा कि तियानजिन में बातचीत जारी! एससीओ शिखर सम्मेलन के दौरान राष्ट्रपति पुतिन और राष्ट्रपति शी के साथ विचारों का आदान-प्रदान. पुतिन से मुलाकात को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति पुतिन से मिलकर मुझे हमेशा खुशी होती है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन के तियानजिन में शंघाई सहयोग परिषद (एससीओ) शिखर सम्मेलन स्थल पर पहुंचने पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को गले लगाते हुए.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और अन्य राष्ट्राध्यक्ष चीन के तियानजिन में शंघाई सहयोग परिषद (एससीओ) शिखर सम्मेलन में एक समूह तस्वीर के लिए पोज देते हुए.

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