पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस की प्रदेश चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष हरीश रावत इन दिनों दिल्ली में डेरा डाले हैं। मतगणना के बाद संभावित स्थिति को लेकर केंद्रीय नेताओं के साथ चर्चा के बाद वह आठ मार्च को देहरादून लौटेंगे। इसी दिन देर सायं प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव एवं तीनों सह प्रभारी भी दून पहुंचकर मतगणना के दिन की रणनीति तैयार करेंगे।प्रदेश के दिग्गज कांग्रेस नेताओं की नजरें 10 मार्च को होने वाली मतगणना पर टिकी हैं। पार्टी उम्मीद कर रही है कि प्रदेश की सत्ता पर इस बार वह काबिज होगी। ईवीएम खुलने के साथ ही यह भी तय हो जाएगा कि पार्टी की उम्मीद पूरी होंगी या नहीं। अलबत्ता, पार्टी नेताओं ने बहुमत के आंकड़े को लेकर आकलन शुरू कर दिया है। स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने की स्थिति में निर्दलीयों या अन्य दलों के जीतने वाले प्रत्याशियों से भी अंदरखाने संपर्क साधकर उनके मन की थाह ली जा रही है। हालांकि, यह सबकुछ अनौपचारिक तरीके से ही किया जा रहा है।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत उत्तर प्रदेश में चुनाव प्रचार करने के बाद से कुमाऊं के दौरे पर थे। इसके बाद वह दिल्ली चले गए। इस दौरान वह पार्टी के केंद्रीय नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं। माना जा रहा है कि मतगणना के बाद संभावित परिस्थितियों के आधार पर कांग्रेस की आगे की रणनीति पर भी मंथन का दौर चल रहा है। डाक मतपत्रों को लेकर पार्टी आशंकित है। इस मुद्दे पर पार्टी मुखर है। साथ ही मतगणना केंद्रों पर डाक मतपत्रों पर चौकसी रखने को विशेष रणनीति बनाने पर विचार चल रहा है।
हरीश रावत मंगलवार को देहरादून लौटेंगेे। इसी दिन कांग्रेस के मुख्य चुनाव पर्यवेक्षक मोहन प्रकाश, राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव वल्लभ के भी देहरादून पहुंचने की संभावना है। नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह पिछले दो दिनों से अपने विधानसभा क्षेत्र चकराता के विभिन्न क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं। नौ मार्च को प्रदेश के तमाम दिग्गज बैठक कर मतगणना की तैयारी की रणनीति को अंतिम रूप देंगे।प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा कि फिलहाल उनका दिल्ली जाने का कार्यक्रम नहीं है। प्रदेश प्रभारी समेत अन्य केंद्रीय नेता मंगलवार देर शाम यहां पहुंचेंगे। रविवार को मीडिया से बातचीत में उन्होंने दोहराया कि डाक मतपत्रों से हुए मतदान पर पार्टी नजर रखेगी। मतगणना के दौरान इसमें दुरुपयोग की जानकारी सामने आई तो पार्टी हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटा सकती है। भाजपा विधायक महेंद्र भट्ट के प्रदेश में भाजपा की सरकार बनाने के दावे और कांग्रेस के नेताओं के संपर्क में होने के बयान को उन्होंने हास्यास्पद करार दिया। गोदियाल ने कहा कि भाजपा को शालीनता से हार स्वीकार करने के लिए तैयार होना चाहिए।