जाहिर है कि सरकार अब विभिन्न योजनाओं व निर्णयों के प्रभावी क्रियान्वयन पर ध्यान केंद्रित करेगी।
राष्ट्रीय खेलों का सफल आयोजन कर इतिहास रचा
उत्तराखंड ने राष्ट्रीय खेलों का सफल आयोजन कर इतिहास रचा है। उत्तराखंड ऐसा पहला राज्य है, जिसने सभी स्पर्धाएं अपने राज्य के भीतर ही आयोजित कीं।
सरकारी विभागों में रिक्त पदों को भरने के लिए तो सरकार कदम उठा रही है, अन्य क्षेत्रों में भी रोजगार के अवसर मुहैया कराने को प्रयास किए जा रहे हैं।
इस कड़ी में औद्योगिक विकास को रफ्तार देनी होगी तो विभिन्न क्षेत्रों में स्टार्टअप को बढ़ावा देने के साथ ही अमृतसर-कोलकाता इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के अंतर्गत किच्छा के खुरपिया में एकीकृत विनिर्माण क्लस्टर की स्थापना में तेजी लानी होगी।
अभिभाषण के ये भी बिंदु
- खेल महाकुंभ में प्रति वर्ष दो लाख खिलाड़ियों को अवसर।
- क्षेत्रीय संपर्क योजना के अंतर्गत 13 स्थानों पर विकसित हो रहे हेलीपोर्ट।
- राज्य में खनन से मिलने वाले राज्य में गत वर्ष की तुलना में दोगुना वृद्धि।
- डिजिटल इंडिया लैंड रिकॉर्ड मॉडर्नाइजेशन कार्यक्रम में सजरा मानचित्रों के डिजिटाइजेशन की 99 प्रतिशत कार्यवाही पूरी।
- नैक के ए ग्रेड प्रत्यायित दून विश्वविद्यालय प्रदेश का एकमात्र राजकीय विश्वविद्यालय।
- प्लास्टिक कचरे के निस्तारण को 95 में से 88 विकासखंडों में कांपेक्टर स्थापित।
- ललित कला अकादमी का क्षेत्रीय कार्यालय देहरादून में स्थापित होगा।
उत्तराखंड पर्यटन उद्यमी प्रोत्साहन योजना का भी उल्लेख
सरकार ने यह इरादा जताया भी है। युवाओं के कौशल विकास और उन्हें विदेश में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के चल रहे प्रयासों को भी इस वर्ष गति मिलेगी।
राज्यपाल के अभिभाषण में उत्तराखंड पर्यटन उद्यमी प्रोत्साहन योजना का भी उल्लेख है। इसमें पर्यटन के क्षेत्र में एक से पांच करोड़ तक का निवेश करने वाले राज्य के स्थायी निवासियों व उद्यमियों को प्रोत्साहित किया जाना है। पर्यटन व तीर्थाटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण इस मध्य हिमालयी राज्य में सुरक्षित एवं सुगम यातायात एक अहम विषय है।
इस कड़ी में सरकार वाहनों की रियल टाइम मानीटरिंग के लिए उनमें वीएलटी डिवाइस लगा रही है। सड़क सुरक्षा के दृष्टिगत स्पीड रडार गन, एएनपीआर कैमरे, गति सीमा पर नियंत्रण को सरकार कदम उठा रही है तो दुर्घटनाएं थामने के लिए सड़क सुरक्षा नियमावली के प्रभावी क्रियान्वयन पर जोर दिया गया है। वाहनों की पार्किंग के लिए 182 स्थल विकसित किए जा रहे हैं।
आपदा के लिहाज से राज्य संवेदनशील है। इस क्रम में भूकंप पूर्व चेतावनी तंत्र विकसित किया गया है, जिसके तहत राज्य में 177 सेंसर और 112 सायरन स्थापित किए गए हैं। मौसम की सटीक जानकारी तीन डॉप्लर राडार से मिल रही है।
आपदा प्रबंधन के मोर्चे पर अन्य कई कदम उठाने की दिशा में सरकार आगे बढ़ रही है। चकबंदी के मोर्चे पर भी राज्य के अब आगे बढ़ने की उम्मीद जगी है। राज्यपाल के अभिभाषण के अनुसार राज्य के मैदानी जिलों के 471 गांवों में भूमि की चकबंदी हो चुकी है, जबकि 131 में यह प्रक्रिया चल रही है।