राज्यपाल ने छात्र-छात्राओं को प्रदान किए स्वर्ण पदक

देहरादून। कुलाधिपति/राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने बुधवार को हेमवती नन्दन बहुगुणा उत्तराखण्ड चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय, देहरादून के सातवें दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने विद्यार्थियों को उपाधियाँ प्रदान कर उन्हें उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं। राज्यपाल ने विद्यार्थियों के परिजनों एवं गुरुजनों को इसकी बधाई देते हुए इसे पूरे विश्वविद्यालय परिवार के लिए गर्व का क्षण बताया। राज्यपाल द्वारा दीक्षांत समारोह में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं को स्वर्ण पदक प्रदान किए गए। पदक पाने वालों में अधिकांश संख्या बालिकाओं की होने पर उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड की महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही है। राज्यपाल ने कहा कि यह एक बहुत बड़ा परिवर्तन है, जो समाज में नारी सशक्तीकरण का एक बहुत अच्छा उदाहरण प्रस्तुत करता है। महिलाएं राष्ट्र निर्माण में अपनी सशक्त भूमिका निभाकर प्रगति और विकास की राह में अपनी भागीदारी बढ़ा रही हैं।

राज्यपाल ने सभी छात्र-छात्राओं को खुली आंखों से सपने देखते हुए उन्हें साकार करने की बात कही। कहा कि चिकित्सा क्षेत्र में अपनी पढ़ाई पूर्ण कर इस संस्था से बाहर निकल रहे हैं, तो आप केवल एक डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिकल स्टॉफ या स्वास्थ्य विशेषज्ञ नहीं हैं, बल्कि आप समाज के एक महत्वपूर्ण स्तंभ बनने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मेडिकल प्रोफेशन केवल आजीविका का साधन मात्र नहीं है। यह प्रोफेशन लोगों के दुखों को कम करने, बीमार लोगों का उपचार करने और समाज की भलाई में योगदान देने की पवित्र जिम्मेदारी देता है। उन्होंने विश्वास जताया कि सभी छात्र-छात्राएं अपने ज्ञान और कौशल से अपने कार्यक्षेत्र में करुणा, समाज की सेवा और ईमानदारी को बनाए रखेंगे। उन्होंने कहा कि आपके पास आने वाला रोगी केवल एक मेडिकल केस नहीं होता है। वह बीमारी से परेशान तथा आशंका और उम्मीद के बीच उलझा हुआ एक इंसान होता है। उसका केवल मेडिकल ट्रीटमेंट ही नहीं, बल्कि उत्साहवर्धन भी आवश्यक होता है। राज्यपाल ने कहा कि देश और दुनिया आज विभिन्न स्वास्थ्य चुनौतियों का सामना कर रही है। ऐसे समय में समर्पित और कुशल स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं की आवश्यकता पहले से कहीं अधिक है। उन्होंने सभी विद्यार्थियों से नवीनतम चिकित्सा ज्ञान के साथ अद्यतन रहने और हर परिस्थिति में मानवता की सेवा के लिए तत्पर रहने की बात कही। कहा कि आज का युग टेक्नोलॉजी का युग है। मेडिकल के क्षेत्र में भी टेक्नोलॉजी अहम भूमिका निभा रहा है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रोबोटिक्स जैसी तकनीकें चिकित्सा प्रक्रिया को अधिक सरल और सटीक बना रहे हैं।

राज्यपाल ने कहा कि राज्य सरकार भी लगातार गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा उपलब्ध कराने एवं चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में सीटों में वृद्धि और नए मेडिकल कॉलेज बनाए जाने की दिशा में कार्य कर रही है। चिकित्सा प्रणाली में अभूतपूर्व प्रगति हो चुकी है और आने वाले समय में अपार संभावनाएं पैदा होती दिख रही है। उन्होंने अनुरोध किया कि आधुनिकतम तकनीकों को अपनाने के लिए सदैव तत्पर रहें। इससे न केवल रोगियों का इलाज सुगम होगा, बल्कि आपके ज्ञान और कार्यक्षमता में भी वृद्धि होगी। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने सभी छात्र-छात्राओं को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि चिकित्सा शिक्षा में अध्ययन कर रहे विद्यार्थियों को पुस्तकीय ज्ञान के साथ-साथ व्यवहारिक ज्ञान की शिक्षा में भी पूर्ण दक्षता हासिल होनी चाहिए। देवभूमि उत्तराखण्ड में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है, उन्हें उचित अवसर व दिशा दिखाए जाने की जरूरत मात्र है, इसलिए सरकार संकल्पित है। यहाँ के युवाओं को अंतर्राष्ट्रीय स्तर की चिकित्सा शिक्षा के बेहतर अवसर उपलब्ध हों, इसके लिए राज्य सरकार चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय को किसी प्रकार के संसाधनों व धन कमी आड़े नहीं आने देगी।

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार लगातार चिकित्सा क्षेत्र में बेहतर कार्य कर रही है। अगले डेढ़-दो वर्षों में पिथौरागढ़ और रुद्रपुर मेडिकल कॉलेज बनने से प्रदेश में कुल सरकारी मेडिकल कॉलेजों की संख्या 8 हो जाएगी, जिससे एमबीबीएस करने वाले छात्रों की संख्या एक हजार से अधिक होगी। प्रदेश में 98 नर्सिंग कॉलेज और 100 से अधिक पैरामेडिकल कॉलेज हैं। राज्य सरकार 450 नए डॉक्टर्स नियुक्त करने जा रही है। उन्होंने कहा कि तकनीकी ज्ञान के अपने विभिन्न क्षेत्रों में विशेष योग्यता हासिल कर उपाधि प्राप्त कर रहे छात्र-छात्राएं देश ही नहीं बल्कि दुनिया के विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों में अपना तथा प्रदेश का नाम गौरवान्वित करेंगे। इस अवसर पर निदेशक एवं सीईओ एम्स ऋषिकेश प्रो. मीनू सिंह, कुलपति हेमवती नन्दन बहुगुणा उत्तराखण्ड चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय प्रो. ओंकार सिंह सहित सभी प्राचार्यगण, संकाय अध्यक्ष, विद्यार्थी एवं अभिभावक गण उपस्थित रहे।

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