शासनादेश में यह हिदायत दी गई है कि इस राशि का अन्य मद में किसी भी रूप में उपयोग नहीं होना चाहिए। ऐसा करने पर संबंधित कार्मिक के विरुद्ध कार्यवाही की चेतावनी दी गई है।
विश्वविद्यालय से 15 दिन में मांगी विस्तृत आख्या
विश्वविद्यालय में कार्मिकों के गलत वेतन निर्धारण और वित्तीय कार्यप्रणाली को लेकर शासन को लेकर पहले भी कई रिमाइंडर भेजे गए हैं। वेतन और छात्रवृत्ति की राशि जारी करने से संबंधित इस आदेश में भी नियम विरुद्ध तैनाती वाले कार्मिकों से वसूली नहीं होने की स्थिति में नियम विरुद्ध तैनाती देने वाले और नियम विरुद्ध वित्तीय लाभ देने के लिए उत्तरदायी अधिकारियों से वसूली करने के निर्देश दिए गए हैं।
शासन की ओर से इससे पहले भी इस प्रकार के आदेश दिए जा चुके हैं। विश्वविद्यालय में नियम विरुद्ध नियुक्ति के लिए भी जिम्मेदार अधिकारियों व कर्मचारियों पर अनुशासनात्मक कार्यवाही को लेकर एक बार फिर सख्ती दिखाई गई है।
साथ में विश्वविद्यालय में उपनल, संविदा और आउटसोर्सिंग से तैनात कार्मिकों को नियम विरुद्ध नियमित करने, पद परिवर्तन करने के संबंध में विस्तृत आख्या एक पखवाड़े के भीतर देने को कहा गया है। शासन ने चेतावनी दी है कि निर्देशों का पालन होने पर ही अगली किस्त जारी होगी।