स्मार्ट मीटर पर बवाल, कांग्रेस के विरोध के बीच भाजपा ने गिनाए फायदे; बोले- Bijli Bill में मिलेगी 4 प्रतिशत छूट

भाजपा ने स्मार्ट बिजली मीटर को लेकर कांग्रेस के विरोध को अनौचित्यपूर्ण और राजनीति से प्रेरित करार दिया है। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा कि स्मार्ट मीटर उपभोक्ता व प्रदेश, दोनों की आर्थिकी के लिए आवश्यक हैं। 

उन्होंने विपक्ष के आरोपों को भ्रामक दुष्प्रचार से प्रेरित बताते हुए कहा कि कांग्रेस का रवैया विजली चोरी रोकने के प्रयास में बाधक बन रहा है।  चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आमजन की जरूरतों को लेकर हमेशा गंभीर एवं संवेदनशील रहे हैं। यही वजह है कि हाल में ही उन्होंने उपभोक्ताओं को मुफ्त बिजली की सौगात दी। इसके तहत उच्च हिमालयी क्षेत्रों में 200 यूनिट और मैदानी क्षेत्रों में 100 यूनिट बिजली पर सब्सिडी दी जा रही है। 

गिनाए ये फायदे

उन्होंने कहा कि दुष्प्रचार और विरोध के बजाय बेहतर है कि स्मार्ट बिजली मीटर के मामले में कांग्रेस जरूरी प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी ले। उपभोक्ताओं एवं विभाग, दोनों को स्मार्ट बनाने के दृष्टिगत स्मार्ट बिजली मीटर समय की आवश्यकता है। इससे बिजली खपत से जुड़ी सूूचनाओं की ऑनलाइन उपलब्धता, पल-पल के बिजली उपयोग की जानकारी, आसानी से भुगतान जैसे कई विकल्प मिलेंगे। स्मार्ट मीटर से बिलिंग में किसी तरह की छेड़छाड़ की संभावना नहीं रहेगी।

उन्होंने कहा कि प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगने से वर्तमान में लागू विद्युत दर पर चार प्रतिशत की छूट मिलेगी और छुट्टियों के दिनों में या रात में बैलेंस खत्म होने के बाद भी बिना रुकावट बिजली की उपलब्धता रहेगी। बजट के अनुसार उपभोक्ता बिजली खर्च पर स्वयं नियंत्रण कर सकेंगे। यही नहीं, सोलर लगाने पर इसी मीटर को नेट मीटर में बदल दिया जाएगा।
विद्युत उत्पादन और वितरण अडानी को सौंपने का पहला चरण है स्मार्ट मीटर : कांग्रेस 

उत्तराखंड में स्मार्ट मीटर लगाने का प्रदेश सरकार का निर्णय विद्युत उत्पादन व वितरण भविष्य में अडानी को सौंपने का पहला कदम है। यह आरोप बुधवार को प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने ईसी रोड स्थित अपने कैंप कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत के दौरान लगाया। 

धस्माना ने कहा कि आज प्रदेश सरकार व सत्ताधारी दल के प्रवक्ता जिस तरह स्मार्ट मीटर के फायदे गिनवा रहे हैं। वह बिल्कुल वैसे ही हैं, जैसे पांच साल पहले इन्होंने देहरादून को स्मार्ट सिटी बनाने के फायदे गिनवाए थे। आज पांच साल बाद जब हजारों करोड़ रुपये खर्च करके स्मार्ट सिटी के कार्य पूरे होने की घोषणा स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की सीईओ तत्कालीन जिलाधिकारी ने की तो देहरादून के लोग ठगे के ठगे रह गए। 

क्योंकि देहरादून तो स्मार्ट बना नहीं, भाजपा के नेता जरूर स्मार्ट बन गए। वैसे ही स्मार्ट मीटर लगाने के बाद बिजली उपभोक्ताओं को कुछ फायदा होने वाला नहीं, उल्टा राज्य का बिजली सेक्टर अडानी के नाम जरूर हो जाएगा। धस्माना ने कहा कि कांग्रेस पार्टी स्मार्ट मीटर लगाने के सख्त खिलाफ है। इसके खिलाफ पार्टी प्रदेशव्यापी आंदोलन करेगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *