उत्तराखंड के चुनावी रण में भाजपा के सबसे बड़े स्टार प्रचारक भी कूद गए हैं। हरिद्वार लोकसभा क्षेत्र के लिए वर्चुअल रैली के बाद मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नैनीताल लोकसभा क्षेत्र में गरजे। वैसे तो यह रैली 14 विधानसभा सीटों के लिए निर्धारित थी, लेकिन मोदी का फोकस पूरे प्रदेश पर रहा। उन्होंने जहां तार्किक तरीके से डबल इंजन का महत्व समझाया, वहीं अधिकांश स्थलों को भी अपने संबोधन के जरिये छूने की कोशिश की। वैसे भी भाजपा 2017 की तरह राज्य में मिशन-2022 के लिए भी मोदी मैजिक चला रही है। भाजपा के प्रत्याशी से लेकर प्रत्येक नेता की जुबान भी मोदी फैक्टर ही है।प्रदेश में 20012 से 2017 तक कांग्रेस की सरकार थी। जबकि इससे पहले केंद्र में वर्ष 2004 से 2009 और फिर 2009 से 2014 तक यूपीए वन और टू की सरकार रही। यानी तब भी राज्य में डबल इंजन की सरकार थी। प्रधानमंत्री मोदी ने आंकड़ों के जरिये यूपीए के समय के डबल इंजन और भाजपा सरकार के डबल इंजन की सरकार की तुलना की। उन्होंने उदाहरण हाईवे और सड़कों का देते हुए कहा, तब की यूपीए सरकार ने सड़कें व हाईवे बनाने के लिए 2800 करोड़ रुपये दिए। जबकि इसके बाद भाजपा सरकार ने 33 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा दिए हैं।
उन्होंने तत्कालीन यूपीए सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे हरीश रावत का नाम लिए बिना कहा, उन्होंने तब मंत्री रहे हुए उत्तराखंड के लिए कुछ नहीं किया। जबकि उनका रसूख था। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 3800 किलोमीटर ग्रामीण सड़कें बनी थी और अब 13500 किलोमीटर सड़कें बनाई गई है। ऐसे ही कुछ और उदाहरणों के जरिये उन्होंने उत्तराखंड के लोगों को विकास के जरिये खुद से जोडऩे की कोशिश की।नैनीताल लोकसभा क्षेत्र के तहत नैनीताल, हनुमानगढ़ी में रोपवे, पर्यटन, रामगढ़ में सेब और ऊधम सिंह नगर में एम्स का सेटेलाइट सेंटर का जिक्र तो उन्होंने किया ही, पीएम ने चमोली जिले में स्थित फूलों की घाटी, हेमकुंड साहिब, श्रीनगर-कर्णप्रयाग के अलावा बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री का जिक्र करना भी नहीं भूले। वैसे भी पीएम चारधाम का अक्सर जिक्र किया करते हैं। वह कई बार दौरा भी कर चुके हैं। 33 मिनट के भाषण में उन्होंने डिजिटल यूनिवर्सिटी के जरिये सुदूर क्षेत्रों की भी चर्चा कर डाली।गणतंत्र दिवस को भी पीएम ने उत्तराखंड की टोपी पहनी थी। तब भी उनकी टोपी की चर्चा हुई थी। मंगलवार को भी जब वह नैनीताल लोकसभा सीट के लिए वर्चुअल रैली में थे, तो वही उत्तराखंड से जुड़ी टोपी पहनी हुई थी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सिर भी वही टोपी थी।