लगातार दूसरी बार सत्ता में आई भाजपा अब जल्द पार्टी नेताओं को मंत्री पद के दर्जे के समकक्ष दायित्वों की सौगात दे सकती है। समझा जा रहा है कि आगामी 24 अप्रैल को राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष के साथ देहरादून में होने वाली भाजपा संगठन की बैठक में इस संबंध में निर्णय ले लिया जाएगा।उत्तराखंड के अलग राज्य बनने के बाद पांच विधानसभा चुनावों में पहली बार ऐसा हुआ कि किसी पार्टी को लगातार दूसरी बार सरकार बनाने का अवसर मिला। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 70 में से 57 सीटों पर जीत दर्ज कर तीन-चौथाई से अधिक बहुमत हासिल किया।
इस विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने पूरी कोशिश की, लेकिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में भाजपा ने जोरदार तरीके से 47 सीटें जीत कर दो-तिहाई बहुमत प्राप्त किया। अब जबकि सभी मंत्रियों ने अपने-अपने विभागों के कामकाज को गति देनी शुरू कर दी है और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के उप चुनाव के लिए चम्पावत सीट भी रिक्त हो गई है, इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि जल्द ही भाजपा नेताओं को दायित्व बांट दिए जाएंगे। दायित्व का आशय विभिन्न निगमों, आयोगों व समितियों में सरकार द्वारा नामित अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पदों से है, जिन्हें कैबिनेट या राज्य मंत्री का दर्जा होता है।
इन्हें अन्य खर्चों के साथ ही निश्चित मानदेय मिलता है। इन समितियों, निगमों व आयोगों में सदस्यों की भी नियुक्ति की जाती है। सदस्यों को भी कई सुविधाएं व मानदेय मिलता है, लेकिन इन्हें मंत्री पद के समकक्ष दर्जा नहीं दिया जाता। सूत्रों के अनुसार इस बार भाजपा अपने कार्यकत्र्ताओं को दायित्वों को लेकर लंबा इंतजार नहीं कराना चाहती। इसलिए संभावना है कि अगले कुछ दिनों में इस संबंध में निर्णय ले लिया जाए। पिछली भाजपा सरकार में सौ से अधिक व्यक्तियों को दायित्व दिए गए थे, जिनमें 70 से अधिक को मंत्री पद का दर्जा भी हासिल था।
यद्यपि, किसी भी विधायक को दायित्वधारी नहीं बनाया गया। सूत्रों का कहना है कि इस बार भी संगठन से जुड़े पदाधिकारियों और विधानसभा चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले कार्यकत्र्ताओंको ही दायित्व सौंपे जाएंगे।