पर्यटकों के ल‍िए खुशखबरी! अब नजदीक लगेगा आद‍ि कैलाश और ओम पर्वत; बजट में हवाई और सड़क मार्ग का खास ख्‍याल

धामी सरकार के बजट में आत्मनिर्भर उत्तराखंड की दिशा में पर्यटन को भी भरपूर महत्व दिया गया है। धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए संरचना और अवस्थापना विकास के लिए प्रविधान किए हैं। आदि कैलाश, ओम पर्वत के दर्शन सुगम बनाने के लिए विशेष बजट की व्यवस्था की गई है। 

वहीं टिहरी झील, हरिद्वार-ऋषिकेश कॉरिडोर, शारदा रिवर फ्रंट परियोजना को केंद्र में रखकर पर्यटन विकास के प्रयास किए जा रहे हैं। सरकार की ओर से पर्यटन क्षेत्र के लिए 450 करोड़ रुपये से अधिक के बजट का प्रविधान किया गया है। धार्मिक पर्यटन के क्षेत्र में आधारभूत सुविधाओं का विकास और पौराणिक मंदिरों को वैश्विक पहचान दिलाने की दिशा में सरकार आगे बढ़ रही है। 

मानसखंड मिशन के लिए 25 करोड़ का बजट

इसी को ध्यान में रखते हुए इस बार बजट में सरकार का फोकस मानसखंड माला मिशन और नवी पर्यटन स्थलों को विकसित करने पर दिखा। राज्य सरकार के बजट में टिहरी झील के विकास के लिए भी 100 करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रविधान किया गया है। जबकि, मानसखंड मिशन के लिए 25 करोड़ व नवीन पर्यटन स्थलों को विकसित करने के लिए 10 करोड़ रुपये का बजट है। 

बजट में पर्यटन क्षेत्र के लिए प्रमुख प्रविधान 

  • हरिद्वार-ऋषिकेश कॉरिडोर के लिए 168 करोड़
  • टिहरी झील के विकास के लिए 100 करोड़
  • मानसखंड माला मिशन के लिए 25 करोड़
  • वाईब्रेंट विलेज योजना के तहत 20 करोड़
  • नवीन पर्यटन स्थलों के विकास के लिए 10 करोड़
  • चारधाम मार्ग पर आधारभूत सुविधाओं के विकास के लिए 10 करोड़
  • कांवड़ मेले के आयोजन के लिए सात करोड़
  • अर्द्धकुंभ की प्रारंभिक तैयारी के लिए 10 करोड़
  • ऋषिकेश में हिमालयन संग्रहालय के लिए 2.64 करोड़
  • विभिन्न मेलों के आयोजन के लिए एक करोड़
शीतकालीन यात्रा में धामी सरकार का जोर 

धामी सरकार ने प्रदेश में शीतकाल में भी चारधाम समेत अन्य मठ-मंदिरों में दर्शन और यात्रा कराने पर जोर दिया है। इसके लिए शीतकालीन यात्रा को धार्मिक पर्यटन के रूप में प्रभावी बनाने के लिए बजट में भी प्रविधान किए गए हैं। शीतकाल में चारधामों की पूजा उनके नजदीकी शीतकालीन प्रवास स्थलों ऊखीमठ, जोशीमठ (पंडुकेश्वर), मुखबा और खरसाली में की जाती है।

इन स्थानों पर क्रमशः केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री का पूजन होता है। इससे न केवल वर्षभर पर्यटकों का आगमन बढ़ेगा, बल्कि यहां के अनेक पर्यटन स्थल भी प्रचलित होंगे। साथ ही स्थानीय निवासियों के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। 

शारदा रिवर फ्रंट प्लान से धार्मिक पर्यटन को मिलेगा बूस्ट 

राज्य सरकार के बजट में शारदा रिवर फ्रंट परियोजना को भी विशेष स्थान दिया गया है। चंपावत के टनकपुर में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए शारदा रिवर फ्रंट मास्टर प्लान पर कार्य किया जा रहा है। जिसके लिए सर्वे भी शुरू हो चुका है। उत्तराखंड निवेश एवं आधारित संरचना विकास बोर्ड की ओर से शारदा नदी के घाटों के सौंदर्यीकरण और विकास का कार्य किया जाएगा। साथ ही यहां सैलानियों को आकर्षित करने के लिए भी करोड़ों की लागत से कार्य होंगे। 

ओम पर्वत दर्शन को हवाई सेवा के साथ सड़क से भी राहत 

सुगम बजट में आदि कैलाश और ओम पर्वत के दर्शन सुगम बनाने के लिए भी प्रविधान किया गया है। यहां हवाई सेवा के साथ ही सड़कों की पहुंचाने के लिए बजट की व्यवस्था की गई है। आदि कैलाश और ओम पर्वत की यात्रा हेली सर्विस को पूर्व में ही मंजूरी दी जा चुकी है। पिथौरागढ़ जिले में हवाई सेवा के साथ ही सड़कों का विकास किया जा रहा है। जिससे उच्च हिमालयी क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा तो मिलेगा ही, स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। 

विहंगम होगा अर्द्धकुंभ का नजारा 

धामी सरकार की ओर से हरिद्वार-ऋषिकेश कॉरिडोर के मेगा प्रोजेक्ट को धरातल पर उतारने के लिए गंभीरता दिखाई जा रही है। सरकार के बजट में परियोजना के परामर्श और डीपीआर आदि के लिए 168 करोड़ रुपये से अधिक का प्रविधान किया गया है। 

इस कॉरिडोर के तहत हरिद्वार और ऋषिकेश में गंगा घाटों के आसपास आधे से एक किलोमीटर तक काशी-केदार की तर्ज पर अवस्थापना विकास किया जाएगा। दोनों शहरों को जोड़ने के लिए ओपन स्पेस विकसित होगा। वर्ष 2027 में होने वाले अर्द्धकुंभ का नजारा विहंगम होगा।

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