मुनस्यारी की इस पर्यटन यात्रा में अब पैराग्लाइडिंग का नया अध्याय भी जुड़ गया

नैसर्गिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध हिमनगरी मुनस्यारी स्नो स्कीईंग, ट्रैकिंग, ट्यूलिप गार्डन, ईको पार्क के चलते पर्यटकों का पसंदीदा स्थल बनी है। मुनस्यारी की इस पर्यटन यात्रा में अब पैराग्लाइडिंग का नया अध्याय भी जुड़ गया है। हिमाच्छादित चोटियों के निकट साढ़े दस हजार फीट की ऊंचाई से होने वाली पैराग्लाइडिंग पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करेगी।

यूं तो मुनस्यारी में आज से पूर्व भी पैराग्लाइडिंग होती रही है, लेकिन यह अल्प काल के लिए होती थी। पिथौरागढ़ सहित अन्य स्थान से आने वाले विशेषज्ञ पैराग्लाइडिंग करते थे। पैराग्लाइडर पायलट मुनस्यारी के खलिया से रिंगू से पैराग्लाइडिंग को अनुकूल बता चुके हैं। फिर भी पैराग्लाइडिंग के लिए पर्यटक यहां नहीं पहुंचते थे। इसे देखते हुए स्थानीय युवा संदीप मर्तोलिया गुड्डू ने पैराग्लाइडिंग के लिए शासन से लाइसेंस की मांग की थी।

आवश्यक औपचारिकता पूरी करने के बाद अब उन्हें मुनस्यारी में इसकी अनुमति मिल चुकी है। इसी के साथ पर्यटन के लिए सीढ़ी दर सीढ़ी चढ़ रहे मुनस्यारी में अब पर्यटकों को पैराग्लाइडिंग का भी आनंद मिलेगा। पर्यटक खलिया टाप से पैराग्लाइडिंग के जरिये सीधे मुनस्यारी के जीआइसी मैदान पर उतरेंगे। सोमवार को युवाओं ने पैराग्लाइडिंग का आनंद उठाया। युवा रिंगू चुलकोट से उड़कर गोरी नदी किनारे भदेली में उतरे।

पैराग्लाइडिंग की अनुमति मिलने से मुनस्यारीवासियों में खुशी व्याप्त है। होटल एसोसिएशन के देवेंद्र सिंह का कहना है कि पैराग्लाइडिंग से मुनस्यारी में पर्यटन को गति मिलेगी। पर्यटकों के आने से होटल व्यवसायियों सहित अन्य व्यापारियों को भी लाभ मिलेगा।

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