इस समय भीमताल की ठंड वादियों में सियासी तापमान चरम पर पहुंच चुका है। भाजपा-कांग्रेस के साथ ही दो निर्दलीय प्रत्याशियों ने मुकाबले को चतुष्कोणीय बना दिया है। जिले में सबसे अधिक घमासान इसी सीट पर दिख रहा है। वहीं इस सीट पर जहां राष्ट्रीय व राज्य स्तर के मुद्दों के साथ ही स्थानीय स्तर के मुद्दे हावी हैं, वहीं प्रत्याशियों को व्यक्तिगत संपर्क पर भरोसा है।भाजपा ने पिछले चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर जीत हासिल करने वाले राम सिंह कैड़ा को प्रत्याशी बनाया है। इनके प्रत्याशी बनाए जाने पर नाराज भाजपा नेता व पूर्व मंडी समिति हल्द्वानी अध्यक्ष मनोज साह ने पार्टी छोड़ दी और निर्दलीय मैदान में उतर गए हैं। इसके बाद भाजपा के कई मंडलों के पदाधिकारियों की टीम भी भाजपा व भाजपा प्रत्याशी विरोधी गतिविधियों में लग गई और निष्कासित भी हो गई है। कुमाऊं में भीमताल ही ऐसी विधानसभा है, जहां भाजपा ने सबसे अधिक 32 की संख्या में मंडल स्तर के पदाधिकारियों को निष्कासित किया है। माना जा रहा है कि ये निर्दलीय प्रत्याशी के समर्थन में काम करने लगे है।
कांग्रेस से दान सिंह भंडारी चुनाव मैदान में हैं।जिला पंचायत सदस्य लाखन सिंह नेगी ने भी पूरी ताल ठोंकी है। इस सीट पर 100471 मतदाता हैं। इसमें 54119 पुरुष और 46352 महिला मतदाता हैं। विषम भौगोलिक परिस्थिति वाले क्षेत्र में स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार, सड़क, पेयजल व स्थानीय उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराने संबंधी तमाम अहम मुद्दे हैं। इस चुनाव में भी काफी हद तक यह मुद्दे हावी हैं। हालांकि इस सीट पर भी दल-बदल हो रहा है, लेकिन इस सियासी खेल में कोई बड़ा नेता शामिल नहीं रहा। यही कारण है कि राष्ट्रीय दलों के दो प्रत्याशियों के अलावा दो निर्दलीय प्रत्याशियों के बीच मुकाबला दिलचस्प हो चुका है। जबरदस्त घमासान मचा हुआ है। इसके चलते एक-दूसरे के समर्थकों के बीच भिडऩे की सूचना भी आम हैं।