ऋषिकेश से 40 किलोमीटर दूर बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर देवप्रयाग के पास एक कार के खाई में गिरने से सभी पांच व्यक्तियों की मौत

ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर तोता घाटी में कार दुर्घटना में मृत पिंकी पुत्री त्रिलोक सिंह राणा की 12 मई को शादी थी। घर में शादी की तैयारी चल रही थी। वह अपने मामा प्रताप सिंह, मामी भागीरथी देवी और भाई-बहन के साथ वह अपनी पसंद का शादी का सामान खरीदने मेरठ गई थी। उसे रविवार को अपने घर वाण मंदोली, थराली, चमोली पहुंचना था।

वक्त की खेल देखिए यह लोग जब सुबह मुनिकीरेती से चमोली के लिए रवाना हुए तो व्यासी पहुंचकर पिंकी ने अपने वाट्स एप से अपने घर पर यह संदेश दिया ‘कमिंग सून’ यानी जल्दी पहुंच रहे हैं। उसे भी नहीं पता था कि घर वालों के लिए उसका यह आखरी संदेश होगा।

ऋषिकेश से 40 किलोमीटर दूर बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर देवप्रयाग के पास एक कार के खाई में गिरने से उसमें सवार सभी पांच व्यक्तियों की मौत हो गई। ये सभी एक ही परिवार के थे। मरने वालों में पति-पत्नी, दो बच्चे और एक युवती शामिल हैं। युवती का 12 मई को विवाह था और स्वजन मेरठ से खरीदारी कर लौट रहे थे। खाई इतनी गहरी थी के राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) के सदस्यों को शव निकालने के लिए राफ्ट का सहारा लेना पड़ा।

घटना रविवार सुबह लगभग साढ़े छह बजे की है। पुलिस को सूचना मिली कि देवप्रयाग के पास तोताघाटी में एक वाहन खाई में गिरा है। वाहन के परखच्चे उड़े हुए थे। इस पर पुलिस और एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची। एसडीआरएफ टीम के प्रभारी उपनिरीक्षक नीरज चौहान ने बताया कि टीम के सदस्यों ने खाई में उतर किसी तरह एक शव निकाला। इसके बाद चार अन्य शवों तक पहुंचने के लिए राफ्ट मंगाई गई।

तहसीलदार मानवेंद्र बर्तवाल ने बताया कि चमोली जिले में थराली ब्लाक के बाण-मंदोली गांव के रहने वाले प्रताप सिंह की भतीजी पिंकी का 12 मई को विवाह था। विवाह के लिए खरीदारी करने के लिए प्रताप अपनी कार से पत्नी भागीरथी देवी, पुत्र विजय, पुत्री मंजू और भतीजी पिंकी के साथ शनिवार को मेरठ गए थे।

कार प्रताप चला रहे थे। खरीदारी के बाद सभी लोग देर रात मेरठ से अपने गांव के लिए रवाना हुए और रविवार सुबह हादसे का शिकार हो गए। तहसीलदार ने बताया कि अभी हादसे का कारणों का पता नहीं चल पाया है, लेकिन आशंका जताई जा रही है कि दुर्घटना का कारण नींद की झपकी आना हो सकता है।

तोताघाटी के समीप कार दुर्घटना में मृत पांच लोग को गहरी खाई से निकालने में पुलिस और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) को 11 घंटे लग गए। 300 मीटर गहरी खाई की खड़ी चढ़ाई में जब शवों को बाहर लाना मुश्किल हो गया तो राफ्ट के जरिये शव पहले कौडिय़ाला पहुंचाए गए। उसके बाद सभी शव को बेस अस्पताल श्रीकोट श्रीनगर पहुंचाया गया। क्षेत्र की विषम भौगोलिक परिस्थितियां आपदा प्रबंधन के संसाधनों के सामने इस बार भी भारी पड़ी।

ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर तपोवन से देवप्रयाग तक जितनी भी सड़क दुर्घटनाएं हुई है, सभी में आपदा प्रबंधन में जुटी टीमों को कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा है। क्षेत्र की विषम भौगोलिक परिस्थिति ऐसी है कि उनके आगे आपदा प्रबंधन के संसाधन भी लाचार हो जाते हैं। सड़क से ठीक नीचे खाई है, उसके नीचे गंगा। खाई में अगर कोई वाहन गिरे तो बीच में कहीं रुकने की कोई गुंजाइश नहीं रहती है। अगर किसी पेड़ में फंस कर रुक गई तो यह किसी चमत्कार से कम नहीं होता।

रविवार की सुबह करीब 6:30 बजे दुर्घटना में यह कार खाई में गिर कर लुढ़कते हुए सीधे गंगा के नजदीक जा पहुंची। इस बीच कार के कई हिस्से हो गए और उसके अंदर बैठे पांच लोग अलग-अलग जगह छिटक गए। जिला पुलिस प्रशासन की ओर से इस क्षेत्र की संवेदनशीलता को देखते हुए ब्यासी चौकी के समीप एसडीआरएफ की चौकी तैनात की गई है। जिसमें प्रभारी उपनिरीक्षक सहित करीब 10 पुलिसकर्मी हैं।

चौकी से घटनास्थल का रास्ता सिर्फ 10 मिनट का है, इसलिए दुर्घटना की सूचना मिलने के बाद एसडीआरएफ की टीम और स्थानीय पुलिस तत्काल मौके पर पहुंच गई थी। घटनास्थल चौकी थाना देवप्रयाग के अंतर्गत आता है। वहां से भी थानाध्यक्ष देवराज शर्मा, वरिष्ठ उपनिरीक्षक अनिरुद्ध मैठाणी 10 पुलिसकर्मियों के साथ पहुंच गए थे।

आपदा प्रबंधन के पर्याप्त संसाधन और टीम होने के बावजूद मौके के हालात इन सब को असहाय बना रहे थे। रेस्क्यू में जुटी टीम के सदस्य किसी तरह से रस्सों के सहारे खाई में पहुंचे। यहां से एक महिला के शव को 300 मीटर गहरी खाई से सड़क तक लाने में करीब दो घंटा लग गया। खाई की स्थिति भी ऐसी है कि जिसमें चट्टान और पेड़ न के बराबर है।

थानाध्यक्ष देवप्रयाग देवराज शर्मा ने बताया कि चुनौतीपूर्ण हालात को देखते हुए रेस्क्यू टीम ने यह निर्णय लिया कि खाई से शेष चार शव को राफ्ट के जरिये कौडिय़ाला तक पहुंचाया जाएगा। एक राफ्टिंग कंपनी की मदद से राफ्ट को गंगा में दुर्घटना स्थल तक पहुंचाया गया। यहां से सभी चार शव राफ्ट में रखे गए। जिन्हें कौडिय़ाला तक लाया गया, यहां से इन सभी शव को श्रीनगर भेजा गया। इस रेस्क्यू में करीब 11 घंटे लग गए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *