यदि उसमें दम है तो वह अपने कार्यकाल का हिसाब-किताब जनता के सामने रखे; पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’

पूर्व केंद्रीय मंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने कांग्रेस को चुनौती देते हुए कहा कि यदि उसमें दम है तो वह अपने कार्यकाल का हिसाब-किताब जनता के सामने रखे। साथ ही यह आरोप भी जड़ा कि कांग्रेस का जन्म ही झूठ बोलने और आरोप लगाने के लिए हुआ है। उन्होंने दावा किया कि इस बार विधानसभा चुनाव में भाजपा 60 से अधिक सीटें जीतने में कामयाब होगी।निशंक सोमवार को प्रदेश भाजपा के मीडिया सेंटर में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भाजपा अपने कार्यकाल में हुए विकास कार्यों का हिसाब -किताब लगातार जनता के सामने रख रही है। पार्टी ने जो कहा, करके दिखाया। साथ ही जो कहेगी, करके दिखाएगी। उन्होंने कहा कि भाजपा ने राज्य के विकास के लिए क्या-क्या कार्य किए, वे सभी जमीन पर हैं और जनता इन्हें देख रही है। इस कड़ी में उन्होंने पिछले पांच वर्षों में शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, रेल व हवाई कनेक्टिविटी, संचार, रोजगार पर्यटन समेत अन्य क्षेत्रों में हुए कार्यों का ब्योरा रखा और कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में राज्य में अभूतपूर्व कार्य हुए हैं।

निशंक ने कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए कहा कि जिन्होंने पवित्र चारधामों के लिए कभी कोई कार्य नहीं किया, आज वही लोग चारधाम-चार काम का झूठा दावा कर रहे हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस ने सेना व सैनिकों के हित में एक भी बड़ा कार्य नहीं किया और अब सैनिक प्रेमी होने का मुखौटा लगाकर जनता के बीच जा रही है। यह वही कांग्रेस है, जिसने सीडीएस जनरल बिपिन रावत को गली का गुंडा कहा था। सर्जिकल स्ट्राइक पर सबूत मांगे थे। यही नहीं, कांग्रेस ने 40 साल तक वन रैंक-वन पेंशन के विषय को लटकाए रखा। उन्होंने कहा कि नैतिकता के आधार पर कांग्रेस को उत्तराखंड के विकास और सैनिकों को लेकर चर्चा का अधिकार नहीं है।एक प्रश्न पर निशंक ने कहा कि प्रदेश में मुख्यमंत्री बदलना भाजपा के परिवार का मामला है। उन्होंने कांग्रेस नेता सचिन पायलट पर भी निशाना साधा और कहा कि पायलट को यहां के बारे में कुछ जानकारी नहीं है। एक अन्य प्रश्न पर उन्होंने कहा कि हिमालयी राज्यों को ग्रीन बोनस का विषय सबसे पहले उनके द्वारा उठाया गया। आज हिमालयी राज्यों को 1500 करोड़ की राशि ग्रीन बोनस के रूप में मिलती है। उत्तराखंड ने इसे बढ़ाने की मांग की है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *