उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) फिर सुर्खियों में है। यूपीसीएल के प्रबंध निदेशक बनाए गए अनिल कुमार यादव फिर विवादों में हैं। UPCL में करीब 70 करोड़ की गड़बड़ी के आरोपियों का निलंबन वापस लेने से जुड़ा है।उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड में प्रबंध निदेशक के तौर पर जिस मामले को दो-दो आईएएस अधिकारियों ने छेड़ना उचित नहीं समझा, उस विषय को मौजूदा प्रबंध निदेशक अनिल कुमार यादव ने एक झटके में कर दिया। सवाल उठ रहा है कि आखिरकार एमडी अनिल कुमार यादव ने करीब 70 करोड़ की गड़बड़ी के आरोपियों का निलंबन वापस लेने में इतनी सक्रियता क्यों दिखाई। मामला ऊर्जा निगम में सरप्लस बिजली को खुले बाजार में बेचने के बाद निजी कंपनी द्वारा ऊर्जा निगम को पैसा वापस नहीं करने से जुड़ा है। स्थिति यह हो गई है कि नियंता जिस रकम को 3 दिन के भीतर उक्त निजी कंपनी मित्तल क्रिएटिव कंपनी जमा कर देना चाहिए था, उसे 1 साल से ज्यादा का वक्त बीतने के बाद भी अब तक नहीं लौटाया गया है। वैसे तो करीब 56 करोड़ की बिजली बाजार में बेची गई, लेकिन इस पर बकाए का लेट पेमेंट सरचार्ज मिलाकर यह रकम 70 करोड़ के करीब पहुंच गई है।
हैरानी की बात यह है कि जब तक यह मामला सामने नहीं आया तब तक अधिकारियों ने भी इस पर कोई एक्शन लेने की जहमत नहीं उठाई। इसलिए इस मामले में 6 बड़े अधिकारियों को सस्पेंड किया गया और 3 बड़े अधिकारियों को नोटिस दिया गया। वहीं करीब 12 लोगों को चार्जशीट भी थमाई गई।