उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने नैनीताल के बीडी पांडे अस्पताल परिसर में हुए अतिक्रमण को शीघ्र हटाने के निर्देश

उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने नैनीताल के बीडी पांडे अस्पताल परिसर में हुए अतिक्रमण को शीघ्र हटाने के निर्देश डीएम-एसडीएम नैनीताल को दे दिए हैं।

मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ में मल्लीताल निवासी सेवानिवृत्त शिक्षक अशोक शाह की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। खंडपीठ ने मामले को सुनने के बाद नैनीताल प्रशासन को अस्पताल की भूमि को तत्काल प्रभाव से अतिक्रमण मुक्त करने को कहा है। इससे पहले सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने सरकार से अस्पताल क्षेत्र में कब्जे की विस्तृत जानकारी देने को कहा था।

मामले के मुताबिक, बीडी पांडे जिला पुरुष चिकित्सालय में स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव होने के खिलाफ अशोक साह द्वारा जनहित याचिका दायर की गई थी। जिसमें कहा गया था कि जिले का मुख्य अस्पताल होने के बावजूद यहां से छोटी सी जांच के लिए सीधे हल्द्वानी भेज दिया जाता है। जबकि यहां इलाज कराने के लिए दूर-दूर से मरीज आते हैं, लेकिन उनकी शुरुआती जांच कर हायर सेंटर रेफर कर दिया जाता है।

मामले की सुनवाई के दौरान अस्पताल की 1.49 एकड़ भूमि पर अवैध कब्जा होने की जानकारी कोर्ट के संज्ञान में लाई गई थी, जिस पर कोर्ट ने जिलाधिकारी से रिपोर्ट मांगी थी। प्रशासन की रिपोर्ट में अस्पताल की भूमि में अतिक्रमण होने की पुष्टि हुई है। पूर्व में भी हाईकोर्ट ने दीपक रुबाली की जनहित याचिका में असपताल परिसर से अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए थे। तब प्रशासन द्वारा आंशिक अतिक्रमण हटाया गया था।

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