पराली जलाई तो होगी कार्रवाई, सरकार ने किसानों को चेताया

देहरादून। उत्तराखंड के जंगलों में लगी भीषण आग से जूझ रही प्रदेश सरकार ने किसानों को चेताया है कि पराली अथवा फसल का अवशेष न जलाएं अन्यथा कारवाई होगी। इस संबंध में सचिव विनोद सुमन ने आदेश जारी किया है।

मंगलवार को जारी आदेश में सरकार ने किसानों को दो टूक शब्दों में कह दिया है कि फसल काटने के बाद अवशेष/पराली को आग न लगाएं।

ऐसा किया तो जिलाधिकारी के माध्यम से सम्बन्धित के विरुद्ध नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही की जाएगी।

उत्तराखण्ड के जंगल धू धू कर जल रहे हैं। आग बुझाने के लिए सरकार ने वायुसेना व NDRF की मदद ली है।

जंगल की आग से वन संपदा, सरकारी व निजी सम्पत्ति को हुए नुकसान के अलावा जन धन की भी हानि हुई है। प्रदेश के सैकड़ों हेक्टेयर जंगल आग में जल चुके हैं।

10 मई से चारधाम यात्रा भी शुरू हो रही है। अनुमान से कहीं ज्यादा तीर्थयात्रियों ने उत्तराखंड की ओर रुख कर दिया है। जंगल की आग के बीच श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए सरकारी मशीनरी की असली अग्निपरीक्षा भी शुरू हो गयी है। आग के धुएं से कई इलाकों में धुंध छाई हुई है। लोगों को सांस लेने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इस बीच, सरकार ने किसानों को पराली जलाने पर रोक लगा दी है।

आदेश-

वर्तमान में राज्य के विभिन्न स्थानों में वनाग्नि की घटनाओं में वृद्धि हुई है, जिसका एक कारण खेतो में फसल कटाई उपरान्त बचे हुए अवशेष में आग लगाया जाना भी है। कृषकों द्वारा फसलों की कटाई उपरान्त अवशेष को खेतों में छोड दिया जा रहा है तथा उसको आग लगा कर नष्ट किया जा रहा है, इस कारण आस पास के क्षेत्र में वनों में आग लगने की अत्याधिक सम्भावना बन जाती है, जिससे पर्यावरण को नुकसान हो रहा है। अतः इस पर तत्काल रोक लगाया जाना आवश्यक है।

कृषि विभाग के समस्त जनपदीय अधिकारियों तथा क्षेत्रीय कर्मचारियों को निर्देशित किया जाता है कि कृषकों को फसल कटाई उपरान्त अवशेष / पराली प्रबन्धन हेतु यथासम्भव प्रचार-प्रसार करना सुनिश्चित करें तथा कृषकों को फसल अवशेष को जलाने से होने वाले नुकसान के बारे में अवगत करायें। साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि कोई भी कृषक फसल अवशेष / पराली को नहीं जलायें। मुख्य कृषि अधिकारी, जनपद में इस प्रकार के प्रकरणों की निगरानी करेंगे तथा यदि फसल अवशेष/पराली को आग लगाये जाने की घटना होती है तो जिलाधिकारी के माध्यम से सम्बन्धित के विरुद्ध नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही कराया जाना सुनिश्चित करें।

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