नए वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए बनने वाले पूर्ण बजट में चुनावी घोषणाओं और विकास कार्यों के लिए वित्तीय व्यवस्था करना चुनौती

पुष्कर सिंह धामी सरकार ने लेखानुदान में ही चुनावी घोषणाओं को मूर्त रूप देने की पहल कर दी। इससे सरकार को पूर्ण बजट की तैयारी के लिए भी अब लंबा समय मिल गया है।इसमें दो साल से धीमे पड़े विकास कार्यों को पूरा करने का दृढ़ संकल्प दिखाई पड़ेगा। सरकारी विभागों में रिक्त पदों पर भर्तियां और स्वरोजगार के लिए करीब छह महीने पहले छेड़े गए अभियान को पूरा करने में नई सरकार ताकत झोंकती नजर आ सकती है।पुष्कर सिंह धामी सरकार ने दो-तिहाई बहुमत के साथ सत्ता में वापसी की है। सरकार पर भाजपा की लुभावनी घोषणाओं पर अमल करने के साथ ही जनाकांक्षाओं को पूरा करने का दबाव भी है।

नए वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए बनने वाले पूर्ण बजट में चुनावी घोषणाओं और विकास कार्यों के लिए वित्तीय व्यवस्था करना चुनौती से कम नहीं है। ऐसे में चार माह के लिए लाए गए लेखानुदान से सरकार को पूर्ण बजट की तैयारी के लिए समय मिल जाएगा।चार महीने यानी जुलाई माह तक समय सरकार के पास है। आगामी मई या जून माह में बजट सत्र की संभावना व्यक्त की जा रही है।पूर्ण बजट में दो साल से धीमे पड़े विकास कार्यों को गति देने की चुनौती से भी सरकार को निपटना होगा। धामी सरकार का वार्षिक बजट 62468.50 करोड़ के आसपास रहेगा। इसमें केंद्रपोषित योजना मद में 11,146 करोड़, बाह्य सहायतित योजना मद में 1779 करोड़, नाबार्ड सहायतित योजना मद में 811 करोड़ और राज्यपोषित योजना मद में 48732 करोड़ बजट की व्यवस्था प्रस्तावित है।

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